नई दिल्ली: आजकल हर व्यक्ति अपने जीवन में सिरदर्द की परेशानी से जूझ रहा है। सिरदर्द के ट्रिगर्स को पहचानने से आप उसकी गंभीरता को आसानी से समझ सकते हैं।
सिरदर्द एक ऐसी बीमारी है जो आपके दैनिक जीवन पर बहुत प्रभाव डालती है। अगर आपको पता चल जाए कि ये सिरदर्द किस कारण से है तो आपको इसकी इंटेंसिटी और सीरियसनेस को कम करने में मदद मिल सकती है। आइए जानें कि आखिर सिरदर्द को कौन सी चीजें ट्रिगर करती हैं।
आखिर क्यों होता है सिरदर्द ?
आपको बता दें कि बहुत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि उनके सिरदर्द के पीछे वातावरण का भी हाथ हो सकता है। धुआं, नमी, तेज रोशनी, तेज गंध और ठंडा मौसम सभी माइग्रेन सिरदर्द को ट्रिगर कर सकते हैं। वातावरण से क्लस्टर सिरदर्द वाले लोगों को अधिक प्रभाव पड़ता है। मौसम में बदलाव के कारण भी उनकी तबियत में गिरावट आने की पूरी संभावना है।
सिरदर्द का एक बड़ा कारण हो सकता है स्ट्रेस
कंधे और गर्दन की मांसपेशियां सिरदर्द का कारण बनती हैं। इस मस्कुलर स्ट्रेस को ही सिरदर्द के रूप में देखा जा सकता है। आपको बता दें कि भूख और कुछ खाने के सामान से भी आपको सिरदर्द हो सकता है।चॉकलेट, खट्टे फल, हेरिंग, एवोकाडो, केला, पनीर , डेयरी उत्पाद और प्याज के सेवन से माइग्रेन की शुरुआत हो सकती है। आपको जानकार हैरानी होगी की नाइट्राइट, नाइट्रेट, पीले खाद्य रंग या मोनोसोडियम ग्लूटामेट वाले प्रोसेस्ड फूड विशेष रूप से समस्या का कारण हो सकते हैं।
शराब भी बड़ी माइग्रेन ट्रिगर है। क्या आप जानते हैं कि थोड़ी सी रेड वाइन सिरदर्द का कारण बन सकती है।आपको बता दें की कॉफ़ी और चाय में कैफीन होता है। इसका सेवन अचानक बंद करने पर आपको माइग्रेन हो सकता है।आपके सिरदर्द का मुख्य कारण नींद की कमी हो सकती है। अधूरी नींद माइग्रेन और तनाव दोनों सिरदर्द से जुड़ी हुई है। क्या आप जानते हैं कि माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए सोना माइग्रेन के हमले को कम कर सकता है या दर्द की तीव्रता को कम कर सकता है।
महिलाओं में माइग्रेन के साथ एस्ट्रोजन का उतार-चढ़ाव जुड़ा है. मासिक धर्म चक्र(पीरियड्स) और पेरिमेनोपॉज माइग्रेन पर अपना असर दिखा सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) अक्सर कई महिलाओं के लिए माइग्रेन की घटनाओं को कम करती हैं।सिरदर्द तो होता ही है पर आपका अपने सिरदर्द को समझना बहुत जरुरी है।टेंशन से होने वाला सिरदर्द आम तौर पर गर्दन और पीठ में शुरू होता है। ये सिर के चारों ओर एक टाइट बैंड में बदल जाता है। यह ज्यदातर केसेस में आराम करने से ठीक हो जाता है।माइग्रेन सिरदर्द आमतौर पर सिर के एक तरफ तेज दर्द, प्रकाश और ध्वनि के प्रति सेंसिटिविटी के साथ शुरू होता है। माइग्रेन घंटों से लेकर दिनों तक रह सकता है।
क्लस्टर सिरदर्द में ऐसा लगता है जैसे आंख में कुछ चुभ रहा हो। इससे नाक बहना, आंखों से आंसू आना, लालिमा या नाक बंद हो सकती है. ये सिरदर्द मिनटों से लेकर घंटों तक रह सकता है, दिन में कई बार हो सकता है.
अब सवाल ये है कि आप सिरदर्द के लिए क्या कर सकते हैं ?
सिरदर्द के ट्रिगर को पहचानना और उससे बचना काफी चैलेंजिंग हो सकता है. सिरदर्द की डायरी रखना, लक्षण, दिन, समय और संभावित ट्रिगर रिकॉर्ड करना आपको यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि आपको क्या प्रभावित करता है. अगर ट्रिगर एकमात्र कारण नहीं है या उन्हें मैनेज करने से सिरदर्द कम नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें. इलाज के विकल्पों में एक्यूपंक्चर, मैडिटेशन , प्रिस्क्रिप्शन दवाएं, बायोफीडबैक और आराम जैसे मेडिकेशन शामिल हैं। नियमित व्यायाम, हेल्थी डाइट , पर्याप्त नींद, शराब का सेवन बंद करना और तनाव में कमी के साथ बैलेंस्ड लाइफस्टाइल बनाए रखने से भी सिरदर्द को अधिक प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद मिल सकती है।