भारतीय नौसेना को एडवांस पनडुब्बी देने के लिए जर्मनी और स्पेन में कंपटीशन, जानें कौन मार सकता है बाज़ी
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को आधुनिक पनडुब्बी चाहिए। इसके लिए उसने दो विदेशी कंपनियों को ऑर्डर देने से पहले परीक्षण की बात कही है। हालांकि, दोनों कंपनियों का परीक्षण हो चुका है। दोनों कंपनियां पनडुब्बी बनाकर भारतीय नौसेना को दिखा चुकी हैं। अब इसमें चुनाव होना है कि जर्मनी की कंपनी से पनडुब्बी खरीदी जाए या फिर स्पेन की कंपनी से पनडुब्बी खरीदी जाए। जल्द ही भारतीय नौसेना इसे लेकर खुलासा करने जा रही है।
जर्मनी का पलड़ा भारी
बता रहे हैं कि इस प्रतियोगिता में जर्मनी का पलड़ा भारी है। जर्मनी ने आधुनिक पनडुब्बियों तैयार की हैं। पनडुब्बी से जुड़े कई परीक्षण हो चुके हैं। अब अगले चरण में चुनाव होने वाला है कि किसकी पनडुब्बी खरीदी जाएगी। जर्मनी ने छह नई पनडुब्बी बनाने के लिए 43000 करोड रुपए का कॉन्ट्रैक्ट किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट मझगांव डाक लिमिटेड के साथ किया गया है। भारतीय नौसेना 6 ऐसी एडवांस्ड पनडुब्बी बनाना चाहती है जिसमें एयर इंडिपेंडेंस प्रोपल्शन सिस्टम हो। भारतीय नौसेना एयर इंडिपेंडेंस प्रोपल्शन सिस्टम से लैस 6 आधुनिक पनडुब्बियों खरीदना चाहती है। इस सिस्टम से लैस पनडुब्बियों को बैटरी चार्ज करने के लिए सतह पर नहीं आना पड़ेगा। पानी के अंदर ही यह पनडुब्बियां दो हफ्ते तक रह सकती हैं।
स्पेन की पनडुब्बी में कमी
जानकारी के अनुसार स्पेन ने जो पनडुब्बी बनाई थी, उसका भी टेस्ट भी हुआ है। जर्मनी के थिसनक्रुप मरीन सिस्टम और स्पेन की नावंतिया ने टेंडर की शर्त के अनुसार तकनीक का प्रयोग कर पनडुब्बियां बनाई हैं। भारतीय नौसेना की तरफ से कहा गया है कि स्पेन की कंपनी ने जो माडल पेश किया है। उसमें कुछ कमी है। यह कमी टेस्टिंग प्रोसेस में समुद्र सिद्ध एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम की अनुपलब्धता से संबंधित थी। स्पेन ने जो पनडुब्बी बनाई है उसमें यह सिस्टम नहीं है। जबकि भारतीय नौसेना को इसी सिस्टम से लैस पनडुब्बी चाहिए। इसलिए माना जा रहा है कि अब भारतीय नौसेना जर्मनी से एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम से लैस पनडुब्बियां खरीदेगा।
जून में हुई थी टेस्टिंग
पनडुब्बियों से संबंधित परीक्षण जून में हुआ था। रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों की तरफ से इसके लिए अनुमोदन किया गया था। जून में ट्रायल के दौरान स्पेन की नावंतिया ने अपने सिस्टम को दिखाया था, जिन्हें पनडुब्बी पर लगाया जा सकता है। साथ ही एक ऑपरेशनल एआईपी भी दिखाया जो अभी तक नाव पर इंटीग्रेटेड नहीं किया गया है।
लार्सन ट्रुो से कांट्रैक्ट कर रही स्पेन की कंपनी
नावंतिया इस मुकाबले के लिए लार्सन इंटरव्यू के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर रही है। कंपनी के पास हाल में ऑपरेशनल एआइपी वाली कोई पनडुब्बी नहीं है। वह भविष्य में बनने वाली नाव पर इंटीग्रेटेड करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। इस कंपनी ने एक ऑपरेशनल पनडुब्बी की बैटरी को अपने लैंड बेस्ड एआइपी सिस्टम से चार्ज किया और फिर ट्रायल प्रक्रिया के लिए समुद्र में गोता लगाया। जर्मन पनडुब्बी ने जरूरत के मुताबिक अपनी स्ट्रैंथ क्षमता दिखाई है। एआइपी पर लगे फ्यूल सेल भारतीय आवश्यकता के लिए पेश किए जाने वाले नहीं हैं।