कोचिंग स्टुडेंट्स को मिलेगी यूनिक आइडी, फी रिफंड के लिए बनेगा नियम, कोटा के कलेक्टर का आदेश
कोटा : जिला प्रशासन कोटा में कोचिंग के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं के हित में नियम बनाने जा रहा है। छात्र की फीस वापसी के लिए नियम बनाया जाएगा। साथ ही छात्र-छात्राओं को यूनिक आइडी दी जाएगी। अभिभावकों की भी काउंसिलिंग की जाएगी। ये कोटा में होने वाली सुसाइड की घटनाओं को रोकने के लिए किया जा रहा है। अगर कोई स्टुडेंट कोचिंग की शुरुआत में ही स्टडी को टफ मान कर या फिर किसी अन्य वजह से कोचिंग छोड़ता है तो उसकी फीस के रिफंड के लिए भी नियम बनाया जा रहा है। ताकि, छात्र की फीस आसानी से वापस मिल जाए।
15 जुलाई के बाद प्रवेश लेने वालों पर लागू होगा नियम
कोटा के कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी ने एलान किया है कि सभी कोचिंग संचालक अपने छात्र-छात्राओं को एक यूनिक आइडी दें। इससे पता चलेगा कि कौन सा स्टुडेंट किस कोचिंग का छात्र है। यह नियम उन सभी स्टुडेंट्स पर लागू होगा जो 15 जुलाई के बाद किस कोचिंग संस्थान में अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे। यह यूनिक आइडी अल्फा न्यूमेरिक होगी और स्टुडेंट को स्पेशल आइडेंटिटी देगी। इसके अलावा कोचिंग संस्थान में रोज अटेंडेंस लेने का भी प्रावधान किया जा रहा है। ताकि पता चल सके कि कौन सा स्टुडेंट कितने दिन से गैर ऐब्सेंट है। तीन दिन तक लगातार ऐब्सेंट होने वाले स्टुडेंट के बारे में कोचिंग संस्थान पता लगाएगा कि वह कहां है और कोचिंग क्लास में क्यों नहीं आ रहा है। इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी देनी होगी। इसके बाद पुलिस जरूरी कदम उठाएगी।
छात्रों का नियमित फीड बैक लेगी स्पेशल टीम
इसके अलावा, कोचिंग संस्थान चलाने वालों की एक टीम बनाई जा रही है। यह टीम समय समय पर हास्टल और पीजी जाकर वहां स्टुडेंट से बात करेगी और उनका फीडबैक लेती रहेगी। स्टुडेंट को क्या समस्या है इस बारे में जानकारी जुटाई जाएगी और समस्या को हल करने पर काम किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि कोचिंग संस्थान के टीचर के लिए भी एक कोड ऑफ कंडक्ट बनाया जा रहा है। अभिभावकों की काउंसिलंग की जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि स्टुडेंट अगर नीट और जेईई में सफल नहीं हो पा रहे हैं तो कई अन्य कोर्स भी हैं जहां वह अपना करियर बना सकते हैं।
हास्टल व पीजी में लगाने होंगे एंटी हैंगिंग डिवाइस
हास्टल व पीजी चलाने वालों से कहा गया है कि वह अपने यहां एंटी हैंगिंग डिवाइस और सीसीटीवी कैमरे लगाएं। गार्ड रखें ताकि स्टुडेंट पर निगाह रखी जा सके। हास्टल व पीजी में एक ड्राप बाक्स रखने को कहा गया है ताकि स्टुडेंट अपनी शिकायत उसमें डाल सकें। पुलिस हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम का नंबर भी प्रदर्शित करने को कहा गया है। कोचिंग संस्थान संचालकों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह पीजी व हास्टल संचालक का फोन नंबर स्टुडेंट से लें और जिला प्रशासन को मुहैया कराएं।
कोचिंग संस्थान, पीजी व हास्टल में रखे जाएंगे साइकोलॉजिस्ट
कोचिंग, पीजी व हास्टल संचालकों को एक साइकोलॉजिस्ट भी रखने को कहा है जो स्टुडेंट्स की काउंसलिंग करेगा। कोचिंग संस्थान, पीजी व हास्टलों में हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने का निर्देश दिया है। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि जो भी कोचिंग संस्थान, पीा जी और हास्टल संचालक नियमों का उल्लंघन करेंगे उन्हें नोटिस जारी की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन की गाइड लाइंस का उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थान, पीजी और हास्टल को सील कर दिया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जो कोचिंग, पीजी या हास्टल संचालक जिला प्रशासन के साथ सहयोग नहीं करता है, उसकी सूची बना कर सौंपें।