सीएम योगी का स्कूल सिलेबस में बदलाव का प्लान, घटेगा स्कूलों का सिलेबस, बदलेगा परीक्षा मॉडल, जानें क्या है प्लान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के माध्यमिक स्कूलों के सिलेबस में कमी करने और परीक्षा मॉडल में बदलाव करने का सुझाव दिया है। उनका मानना है कि विद्यार्थियों पर अनावश्यक पाठ्यक्रम का भार कम किया जाना चाहिए और शिक्षा को मूल्यपरक व कौशल आधारित बनाया जाना चाहिए।
रविवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम योगी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को समय-समय पर अपडेट किया जाना चाहिए और बच्चों की किताबें और शिक्षण विधियों को रुचिकर बनाना आवश्यक है। वर्तमान में पहली और दूसरी कक्षा में NCERT पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इस सत्र में 20.50 लाख नए बच्चों को जोड़ा गया है और ड्रॉप आउट को कम करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
हर स्कूल में खेल का मैदान, 15 मई तक परीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षण संस्थानों के वार्षिक कैलेंडर को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि यदि कोई अपरिहार्य स्थिति न हो, तो वार्षिक परीक्षाएं 15 मई तक पूरी हो जाएं। उन्होंने हर विद्यालय में खेल के मैदान की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी बात की।
सीएम योगी ने पाठ्यक्रमों को स्थानीय भाषाओं में तैयार करने और युवाओं को बहुभाषी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बहुभाषी होना रोजगारपरक और व्यक्तित्व को प्रभावी बनाता है। शिक्षा नीति में ज्ञान, कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने और करिकुलम में इन विषयों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने अप्रेंटिस योजना के तहत ट्रेनीज का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और अभ्युदय कंपोजिट स्कूल तथा सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल का निर्माण जल्द पूरा करने के आदेश भी दिए।
यूपी में नामांकन दर 50% का लक्ष्य
सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में नामांकन दर को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि “एक जिला-एक विश्वविद्यालय” योजना के तहत इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। अगले 10 वर्षों में वर्तमान 25% नामांकन दर को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सीएम ने अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) प्लेटफॉर्म पर सभी छात्रों का पंजीकरण अनिवार्य करने और क्रेडिट ट्रांसफर इसी प्लेटफॉर्म के माध्यम से करने की दिशा में कदम उठाने की बात की। उन्होंने मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट प्रणाली को लागू करने की आवश्यकता जताई।
इसके अलावा, प्री-प्राइमरी शिक्षण तंत्र को व्यवस्थित करते हुए लगभग 88,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘बाल वाटिका’ के रूप में नया स्वरूप देने की बात की गई है। इन बाल वाटिकाओं को एक प्रभावशाली केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी।
आजमगढ़ में स्थापित होगी सांकृत्यायन पीठ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में साहित्यकार और विचारक राहुल सांकृत्यायन के नाम पर एक शोध पीठ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इस पीठ का उद्देश्य सांकृत्यायन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर शोध और अध्ययन को प्रोत्साहित करना होगा।
सीएम ने सभी राजकीय स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने और इसमें ODOP (एक जिला, एक उत्पाद) से जुड़े ट्रेड शामिल करने के भी निर्देश दिए।
कृषि शिक्षण संस्थानों के लिए अलग संस्था की आवश्यकता
कृषि शिक्षा, शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में विकास को देखते हुए एक विशेष संस्था की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया गया है। सीएम योगी ने कहा कि सभी चार कृषि विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित हो रहे हैं, और ऐसे में कृषि शिक्षण संस्थानों के विनियमन के लिए एक व्यवस्थित संस्था की जरूरत है।
सीएम ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) जैसी संस्था को इस दिशा में उपयोगी बताते हुए इसके गठन के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, टीचर्स ट्रेनिंग के लिए डायट को भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया।