जमशेदपुर : हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का महापर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान आमतौर पर घर की विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और सूर्य भगवान की पूजा अर्चना करती हैं। साथ ही घर के पुरुष भी आने वाले संकटों से घर को बचाने की मनोवांछा से इस पर्व को मनाते हैं।
कब है छठ पूजा ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के पर्व की शुरुआत कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से होती है। वहीं इस महापर्व की समाप्ति सप्तमी तिथि को होती है। इस साल छठ पूजा की शुरुआत 05 नवंबर से लेकर 08 नवंबर तक मनाया जाएगा।
जाने छठ पूजा का धार्मिक महत्व :
1) छठ पूजा के पर्व के पहले दिन नहाय खाय किया जाता है। इस साल 05 नवंबर को नहाय खाय किया जाएगा। इस दिन स्नान और भोजन करने का विधान होता है। इस दिन बहुत से घरों में लौकी भात खाने की रीति होती है।
2) छठ पूजा के पर्व के दूसरे दिन खरना किया जाता है। इस साल 06 नवंबर को नहाय खाय किया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं नए मिट्टी के चूल्हे पर खीर बनाती हैं। इसके बाद उस खीर को छठी मैया को अर्पित किया जाता है। इस दिन के पूजा के बाद संकल्प लेकर व्रत की शुरुआत होती है।
3) इसके अगले दिन यानी छठ पूजा के पर्व के तीसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल 07 नवंबर को सूर्य अर्घ्य दिया जाएगा।
4) छठ पूजा के चौथे दिन यानी अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल इस पर्व का समापन 08 नवंबर को होगा। इसके बाद शुभ मुहूर्त देखकर व्रत का पारण किया जाता है।