12वीं बोर्ड परीक्षा में बदलाव: 9 वीं से 11वीं कक्षा के नंबर भी होंगे शामिल
नई दिल्ली: एनसीईआरटी की इकाई ‘परख’ ने शिक्षा मंत्रालय को एक नई रिपोर्ट सौंपी है। इसमें 12वीं बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन में बड़े बदलाव का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 12वीं बोर्ड के फाइनल मार्क्स में 9वीं, 10वीं, और 11वीं कक्षा के प्रदर्शन को भी शामिल किया जाएगा।
इस नई प्रणाली में छात्रों की कक्षा के काम और एग्जाम्स दोनों को ध्यान में रखा जाएगा। इससे उनके समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का आकलन होगा। यह बदलाव सभी स्कूल बोर्ड परीक्षाओं में मूल्यांकन प्रक्रिया को समान बनाने के प्रयास के तहत किया जा रहा है।
12वीं बोर्ड के लिए किस क्लास का वेटेज
एनसीईआरटी की इकाई ‘परख’ ने शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें 12वीं बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 12वीं बोर्ड के फाइनल मार्क्स में 9वीं, 10वीं, 11वीं, और 12वीं कक्षा के प्रदर्शन को विभिन्न वेटेज के साथ शामिल किया जाएगा।
वेटेज का विवरण इस प्रकार है:
– 9वीं कक्षा: 15%
– 10वीं कक्षा: 20%
– 11वीं कक्षा: 25%
– 12वीं कक्षा: 40%
मूल्यांकन प्रणाली:
‘परख’ की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि छात्रों का मूल्यांकन फॉर्मेटिव असेसमेंट (जैसे एग्जाम रिपोर्ट कार्ड, ग्रुप डिस्कशन, प्रोजेक्ट्स) और समेटिव असेसमेंट (टर्म एंड एग्जाम) का कॉम्बिनेशन होना चाहिए।
– 9वीं कक्षा: 70% फॉर्मेटिव असेसमेंट और 30% समेटिव असेसमेंट
– 10वीं कक्षा: 50% फॉर्मेटिव असेसमेंट और 50% समेटिव असेसमेंट
– 11वीं कक्षा: 40% फॉर्मेटिव असेसमेंट और 60% समेटिव असेसमेंट
– 12वीं कक्षा: 30% फॉर्मेटिव असेसमेंट और 70% समेटिव असेसमेंट
क्रेडिट सिस्टम:
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि मूल्यांकन क्रेडिट के आधार पर किया जाए। छात्रों को 9वीं और 10वीं कक्षा में 40-40 क्रेडिट, और 11वीं और 12वीं कक्षा में 44-44 क्रेडिट प्राप्त करने की अनुमति होगी।
– 9वीं और 10वीं कक्षा: 32 क्रेडिट सब्जेक्ट स्पेसिफिक (जैसे तीन भाषाओं में 12 क्रेडिट, मैथ्स में 4 क्रेडिट, साइंस में 4 क्रेडिट, आदि)
– 11वीं और 12वीं कक्षा: 44 क्रेडिट प्रत्येक कक्षा के लिए
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि बोर्डों को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप क्रेडिट ट्रांसफर की प्रणाली विकसित करनी चाहिए।
ये बदलाव छात्रों की शैक्षणिक योग्यता का अधिक सटीक आकलन सुनिश्चित करने और मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।
स्कूल बोर्ड ने राज्यों को क्या कहा ?
एनसीईआरटी की इकाई ‘परख’ की रिपोर्ट को राज्यों के स्कूल बोर्डों के फीडबैक के लिए शेयर किया गया है। पिछले सप्ताह हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकारियों के साथ पहले दौर की चर्चा की गई। राज्यों ने 9वीं, 10वीं, और 11वीं कक्षा के प्रदर्शन को 12वीं की फाइनल रिपोर्ट कार्ड में शामिल करने के बजाय एक अलग दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की। उनके अनुसार:
9वीं कक्षा के 40% अंक और 10वीं कक्षा के 60% अंक को अंतिम 10वीं के अंक में जोड़ा जाए।
11वीं कक्षा के 40% अंक और 12वीं कक्षा के 60% अंक को अंतिम 12वीं के अंक में जोड़ा जाए।
‘परख’ अब अगस्त में अन्य राज्य स्कूल बोर्ड्स के साथ इस विषय पर चर्चा करेगा।
क्या है ‘परख’?
परख’ की स्थापना पिछले साल देश भर के स्कूल बोर्ड्स के आंकलन को मानकीकृत करने के लिए की गई थी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मूल्यांकन मानकों को स्थापित करना है। परख का काम कैपेसिटी डेवलपमेंट, अचीवमेंट सर्वे, स्कूल बोर्डों की समानता, और एक समान मूल्यांकन मानकों को सुनिश्चित करना है। पिछले एक साल में 32 स्कूल बोर्ड्स के साथ चर्चा के बाद, परख ने इस महीने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। परख की यह पहल शिक्षा प्रणाली को बेहतर और समान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।