CID बनाम CBI, किस पर करें भरोसा, CGL परीक्षा की जांच का मामला
क्यों उठ रही सीबीआई से जांच की मांग
कोई भी मुद्दा हो एनडीए के नेता सीबीआई की जांच की मांग उठाते हैं। झारखंड की एजेंसियों पर उन्हें भरोसा नहीं है। सीजीएल परीक्षा को लेकर भी ऐसी ही मांग की जा रही है। अब सवाल उठता है कि यह नेता सीबीआई की ही जांच क्यों चाहते हैं। सीआईडी या प्रशासनिक जांच की बात क्यों नहीं होती। इसे लेकर इन दिनों राजनतिक गलियारे में खूब चर्चा चल रही है। आज हम इस राज से पर्दाफाश करेंगे कि आखिर एनडीए के नेता सीबीआई जांच की ही बात क्यों करते हैं। क्या सीजीएल की परीक्षा रद होगी। क्या होगा राज्य सरकार का अगला कदम।
कोई भी मामला सामने आता है। फौरन कहा जाता है कि सीबीआई से जांच करा लो। अभी हाल ही में सीजीएल परीक्षा का मामला चल रहा है। सीजीएल परीक्षा 21 व 22 सितंबर को संपन्न हुई थी। सरकार ने इस परीक्षा को संपन्न कराने के लिए तरह तरह के निर्देश जारी किए थे। इंटनरेट और वाईफाई तक बंद कर दिया था ताकि माफिया गडबडी नहीं कर सकें। मगर, जैसे ही परीक्षा खत्म हुई भाजपा नेता इसमें गडबडी के आरोप लगाने लगे। हालांकि, कोई ठोस सुबूत नहीं दिए गए कि पेपर आउट हुआ या किस तरह की गडबडी हुई। फिर कहा जाने लगा सीबीआई से जांच कराइए। अलबत्ता कहीं से कोई पेपर लीक की बात सामने नहीं आई है। बाद में परीक्षा रद होने की मांग उठने लगी। इस मांग को इस परीक्षा में असफल छात्रों का साथ मिल गया तो मामला तूल पकडने लगा।
नीट में ढेरों गडबडी उजागर होने पर भी नहीं रद हुई परीक्षा
अब याद कीजिए नीट की परीक्षा। नीट की परीक्षा में आनन फानन तय तिथि से पहले उस दिन रिजल्ट निकाल दिए गए जिस दिन लोकसभा चुनाव की मतगणना हो रही थी। परीक्षाफल में कई गडबडी सामने आ गई। विशेषज्ञों ने यह मामला पकडा कि कुछ लोगों को उतने अंक मिले हैं जितने इस परीक्षा के अंक सिस्टम के हिसाब से नहीं मिल सकते। यह जानकारी सामने आते ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो इस परीक्षा को कंडक्ट कराती है, उसके कान खडे़ हो गए। मुद्दा सही था। अब एनटीए ने सफाई दी तो वह और भी फंस गई। वह कहते हैं ना। एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पडते हैं। झूठ कभी छिपता नहीं सामने आ जाता है। एनटीए का झूठ भी सामने आ गया। एनटीए को गलत अंक देने के मामले में सफाई देनी पडी कि कुछ परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क दिए गए थे। इसमें एनटीए फंस गई और मामला सुप्रीम कोर्ट गया। सब जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ग्रेस अंक पाने वालों को दोबारा परीक्षा देनी पडी। कहा गया कि इन परीक्षार्थियों को देर से पेपर मिला था। 1563 परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क दिए गए थे। दूसरी तरफ, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने छापामारी कर एक सेंटर से नीट की परीक्षा के आउट किए गए पेपर भी बरामद कर लिए। हजारीबाग के एक सेंटर के प्रिंसिपल समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। बिहार से कई पेपर माफिया गिरफ्तार हुए। इसके बाद भी नीट की परीक्षा रद नहीं हुई। भाजपा के जो नेता नीट पर चुप्पी साध जाते थे वही, आज सीजीएल परीक्षा रद करने की मांग जोर शोर से उठा रहे हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का नीट परीक्षा को रद नहीं करने संबंधी फैसला एक नजीर बन सकता है।
सीबीआई क्यों, सीआईडी क्यों नहीं
अब सवाल है कि एनडीए के नेता खास कर भाजपाई सीजीएल परीक्षा में सीबीआई जांच की मांग क्यों उठा रहे हैं। झारखंड सरकार ने इस मामले में सीआईडी जांच की बात कह दी है। सीआईडी जांच की तैयारी में भी जुट गई है। मगर भाजपाई इसे इसीलिए नहीं मान रहे हैं क्योंकि सीआईडी राज्य सरकार की एजेंसी है। भाजपा इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है। अब सवाल इस बात का उठता है कि क्या राज्य सरकार की एजेंसी सरकारी नहीं है। क्या यह एजेंसी तभी भरोसेमंद होगी जब यहां भाजपा की सरकार होगी। दूसरी सरकार में राज्य सरकार की एजेंसी पर भरोसा नहीं किया जाएगा। ऐसे में केंद्र की एनडीए सरकार के अंडर में आने वाली सीबीआई पर विपक्ष कैसे भरोसा कर ले। यह एक बड़ा सवाल है जो आज राजनीतिक गलियारे में तैर रहा है। इसे लेकर एनडीए और जेएमएम में तनातनी चल रही है। यह तनातनी सरकारी एजेंसियों पर जनता के भरोसे को कहां ले जाएगी यह नहीं कहा जा सकता। मामला हाईकोर्ट में भी है। अब परीक्षार्थियों की निगाहें हाईकोर्ट पर टकटकी लगाए हुए हैं।