जानें इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में क्या होने जा रहा है
नई दिल्ली: परीक्षा से एक दिन पहले पटना के एक प्ले स्कूल में नीट-यूजी के पेपर के साथ सामूहिक नकल हो रही थी। नीट-यूजी का पेपर वाट्सएप के जरिए पटना पहुंचा। हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से पेपर लीक किया गया। इस संबंध में सीबीआइ ने कई राज्यों में गिरफ्तारी की। मगर, केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में कह रही है कि धांधली बड़े पैमाने पर नहीं हुई। इसलिए, परीक्षा रद्द नहीं की जाए। रिएग्जाम नहीं कराना चाहती। नीट-यूजी मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगी कि परीक्षा रद्द की जाए या नहीं। रिएग्जाम कराया जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट की सीजेआई की बेंच आज सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी जानकारी दी है कि जुलाई के तीसरे हफ्ते में नीट-यूजी की काउंसलिंग कराई जाएगी।
आईआईटी मद्रास से कराया डेटा विश्लेषण
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की मंशा समझ ली है। इसीलिए उसने आईआईटी मद्रास से नीट-यूजी परीक्षा में धांधली का विश्लेषण करा लिया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आईआईटी मद्रास ने नीट-यूजी की परीक्षा में गड़बड़ी का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण से पता चला है कि धांधली बड़े पैमाने पर नहीं हुई है। ऐसे कोई सुबूत आईआईटी मद्रास को नहीं मिले हैं जिससे पता चले कि धांधली बड़े पैमाने पर हुई है।
केंद्र सरकार बोली धांधली से किसी एरिया के उम्मीदवार को फायदा नहीं
हैरत की बात तो यह है कि इस विश्लेषण में यहां तक कह दिया गया है कि इस धांधली से किसी एक एरिया के उम्मीदवारों को भी फायदा नहीं पहुंचा है। केंद्र सरकार ने इसी का हवाला देते हुए कहा है कि वह इसीलिए दोबारा परीक्षा नहीं कराना चाहती। सरकार का कहना है कि बेबुनियाद शक के आधार पर रिएग्जाम कराने से 24 लाख छात्रों पर बोझ पड़ेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि अगर किसी भी छात्र को इस पेपर लीक से फायदा मिला होगा तो किसी भी राउंड में उसकी काउंसलिंग रद्द कर दी जाएगी।
सरकार की मंशा शक के दायरे में
जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ भी कहा है वह बचकाना स्टेटमेंट है। सरकार कह रही है कि बेबुनियाद शक के आधार पर परीक्षा रद्द नहीं करना चाहती। जानकारों का कहना है कि बिहार पुलिस ने प्ले स्कूल से नीट का पेपर बरामद किया। प्ले स्कूल में नीट का ओरिजनल पेपर जला हुआ मिला। दर्जनों परीक्षार्थियों को यहां पेपर के जवाब रटाए गए। गिरफ्तार लोगों के वाट्सएप पर पेपर था। हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से पेपर लीक के सुबूत मिले। सीबीआई ने गिरफ्तारी की। क्या केंद्र सरकार इसे भी बेबुनियाद सुबूत मानती है। कहा जा रहा है कि अगर यह बेबुनियाद सुबूत है तो फिर इतनी गिरफ्तारी क्यों।
एनटीए ने मानी गड़बड़ी की बात, पर बचाव भी किया
एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में जो एफिडेविट दिया है वह बड़ी दुविधा पैदा करता है। एक तरफ एनटीए ने कहा है कि पटना व गोधरा के परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी हुई है। बाद में लिखा है कि उसने इन परीक्षा केंद्रों के परीक्षार्थियों का अंक का विश्लेषण किया है। इससे पता चला है कि इन परीक्षार्थियों को ज्यादा अंक नहीं मिले। किसी भी उम्मीदवार ने हाई स्कोर नहीं किया है। बताया गया है कि इन उम्मीदवारों का अंक नेशनल स्कोर से कम है। एनटीए ने कहा है कि दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाए।