रांची: झारखंड में जेएसएससी सीजीएल (JSSC CGL) परीक्षा के चलते इंटरनेट सेवा बंद करने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। शनिवार को जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुधा रावत चौधरी की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि इंटरनेट बंद करने की क्या नीति है? क्या सभी परीक्षाओं के दौरान ऐसा किया जाएगा? इस पर कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह में एफिडेविट के माध्यम से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा, जबकि स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने भी बहस में हिस्सा लिया। प्रार्थी ने अदालत में कहा कि इंटरनेट सेवा बंद होने से रोजमर्रा के कई काम प्रभावित हो रहे हैं, जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं।
राज्य सरकार ने अपनी दलील में कहा कि परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए एहतियातन सिर्फ मोबाइल का इंटरनेट बंद किया गया है, जबकि अन्य इंटरनेट सेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं।
अब देखना होगा कि राज्य सरकार अदालत के सवालों का कैसे जवाब देती है और क्या यह स्थिति जल्द ही सामान्य होती है।
हाईकोर्ट में इंटरनेट बंद करने का मामला, सरकार से मांगा जवाब
Case of internet shutdown in High Court, response sought from government
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