कोरियर कर्मियों को पटाकर ट्रक में रखे बॉक्स से पेपर लीक करते हैं गैंग के लोग, मार्च में ही मिल गई थी नीट का पेपर लीक होने की जानकारी
जमशेदपुर: नीट यूजी का पेपर कैसे लीक हुआ इसे लेकर तमाम तरह के कयास चल रहे हैं। सीबीआई के अलावा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई भी मामले की जांच में जुटी हुई है। वहीं एक धमाकेदार जानकारी सामने आई है। इसमें कहा गया है कि बिहार का एक पेपर लीक माफिया विशाल चौरसिया जेल में बंद है। 24 मार्च को यूट्यूब पर एक वीडियो डालकर विजेंद्र गुप्ता नामक युवक ने कहा था कि जेल में बंद विशाल चौरसिया ने बिहार पुलिस भर्ती का प्रश्न पत्र लीक किया था और अब वह जेल में रहकर नीट यूजी का पेपर लीक करने की योजना बना रहा है। यह वीडियो जब सामने आया था तब नीट यूजी के आवेदन डाले जा रहे थे। 40 दिन बाद 5 मई को परीक्षा होनी थी। इस संबंध में यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करने वाले युवक ने बताया कि विजेंद्र गुप्ता का उसके पास फोन आया था। उसने युवक से मिलकर पेपर लीक की पूरी कहानी बताई थी। विजेंद्र गुप्ता ने बताया था कि विशाल चौरसिया पेपर लीक का मास्टरमाइंड है। वही इसका माफिया है। उसके गैंग में कई सदस्य हैं।
भले ही वह अभी जेल में है। लेकिन, वह नीट यूजी का पेपर भी लीक करने वाला है। विजेंद्र गुप्ता ने बताया था कि विशाल के लोग किस तरह पेपर लीक करते हैं। उसने बताया था कि पेपर लीक करने में विशाल गैंग प्रिंटिंग प्रेस का इस्तेमाल नहीं करता। बल्कि कोरियर सर्विस के कर्मचारियों को मिलाकर पेपर लीक किया जाता है। उसने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस से कोरियर सर्विस के लोग पेपर को बॉक्स में भरते हैं और फिर ट्रक में लोड कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं। जब यह पेपर एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जाते हैं। तभी इसे लीक कर लिया जाता है। प्रिंटिंग प्रेस का ही कोई सदस्य ट्रक की जानकारी गिरोह के सदस्यों को देता है और फिर लोग रास्ते से चलती ट्रक पर चढ़ कर पेपर लीक करते हैं।
विजेंद्र गुप्ता ने बताया था कि पेपर लेकर जाने वाले सभी बक्सों को सील कर दिया जाता है। इस पर जो डिजिटल लाक लगा होता है उसमें टाइमर सेट होता है। परीक्षा शुरू होने से कुछ समय पहले यह बॉक्स खुद ब खुद खुल जाते हैं। लेकिन, इनमें से कुछ बॉक्स के साथ धांधली की जाती है। मसलन, अगर एक ट्रक में 100 बॉक्स लोड हैं। तो 99 बॉक्स पर डिजिटल लाक लगाया जाता है। एक बॉक्स का डिजिटल लॉक गड़बड़ कर दिया जाता है। इसी बॉक्स से पेपर लीक हो जाता है। और जिस बॉक्स से पेपर लीक होता है वह जब केंद्र पर पहुंचता है तो वह खुद ब खुद नहीं खुल पाता। क्योंकि, उसके साथ रास्ते में छेड़छाड़ होती है और ऐसे ही बॉक्स को आरी से काटकर उसका पेपर निकल जाता है। गौरतलब है कि हरियाणा के झज्जर के विजय सीनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बॉक्स काटकर पेपर निकाले गए थे। गौरतलब है कि बिहार सिपाही भर्ती पेपर लीक के जांच के दौरान नीट पेपर लीक का नेटवर्क पुलिस के हाथ लग गया था। नीट यूजी के जले हुए पेपर किराए के एक मकान से पुलिस ने बरामद किए। यही नहीं आरोपियों के नाम पोस्ट डेटेड चेक भी बरामद हुए हैं। इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। गिरफ्तार लोगों में एमबीबीएस कर रहे साल्वर भी शामिल हैं। जो 13 लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें चार अभ्यर्थी यह कबूल कर चुके हैं कि उन्हें नीट एग्जाम से 4 घंटे पहले पेपर और इसके आंसर मिल गए थे। इसका उन्होंने प्रिंट आउट निकाल लिया था और 5 मई को सुबह 10:00 से ही रटना शुरू किया।
टाइमलाइन
- 5 मई नीट यूजी का एग्जाम जिसमें 24 लाख छात्र हुए शामिल।
—- 6 मई एनटीए ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर पेपर लीक से किया इनकार।
-17 मई सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगाने की याचिका की सुनवाई। रिजल्ट होल्ड करने से कर दिया माना।
— 1 जून नीट यूजी पेपर लीक और एग्जाम में गड़बड़ियों के खिलाफ याचिका दायर
–4 जून नीट ने रिजल्ट किया जारी। 67 स्टूडेंट बने टॉपर।
– 8 जून एक ही सेंटर से 6 टॉपर्स। कई छात्रों को 719 और 718 नंबर मिलने से गड़बड़ी का हुआ खुलासा। देश भर में प्रदर्शन, एनटीए ने ग्रेस मार्क देने की बताई बात। जांच के लिए पैनल के गठन का किया ऐलान
– 9 जून- एनटीए की ग्रेस मार्क्स पॉलिसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर। काउंसलिंग पर रोक लगाने और री एग्जाम की मांग।
– 11 – एससी ने सुनवाई के बाद काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकार. एनटीए से मांगा जवाब।
– — 12 जून नीट यूजी एक्जाम विवाद की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग।
– 13 जून सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस मार्क्स को लेकर हुई सुनवाई। 1563 उम्मीदवारों के लिए 23 जून को दोबारा परीक्षा करने का फैसला
– 14 जून- सुप्रीम कोर्ट में नीत यूजी पेपर लीक कांड की सीबीआई से जांच की मांग।
– 15 जून- बिहार में पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने तीन जिलों से साल्वर गैंग से जुड़े लोगों को किया गिरफ्तार।
– 16 जून- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने माना एनटीए से हुई गड़बड़ी
– 18 जून सुप्रीम कोर्ट ने कहा .001% भी लापरवाही हुई तो हो करवाई।
– – 19 जून- एससी ने मामले की सीबीआई जांच की सुनवाई का फैसला किया सुरक्षित.
– 20 जून- मेघालय के कैंडिडेट्स ने टाइम लास की वजह से 1563 कैंडिडेट्स के साथ री एग्जाम में शामिल होने के लिए दायर की याचिका।
– 22 जून- एससी में एग्जाम कैंसिल करने पेपर लीक की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग।
– 23 जून नीत यूजी रिएग्जाम संपन्न। हटाए गए एनटीए चीफ। सीबीआई को सौंपी गई मामले की जांच। 24 जून सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर