नई दिल्ली : नेटफ्लिक्स की नई वेबसीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ ने 1999 के कुख्यात विमान अपहरण मामले पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। इस घटना के तत्कालीन रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख एएस दुलत ने इंडिया टुडे टीवी को दिए एक साक्षात्कार में स्वीकार किया है कि अमृतसर में विमान के उतरने के दौरान फैसले की चूक ने इस जटिल ऑपरेशन को बर्बाद कर दिया।
दुलत ने कहा कि अमृतसर में विमान के उतरने के बाद भारतीय एजेंसियों के पास इसे भारतीय क्षेत्र में रोकने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। हालांकि, उस समय उचित निर्णय न लिए जाने के कारण आतंकवादियों ने विमान को आगे बढ़ाया और इसे अफगानिस्तान के काबुल तक ले जाने में सफल रहे। दुलत ने इसे एक बड़ी चूक बताया और स्वीकार किया कि इस घटना की जिम्मेदारी उनकी भी थी।
दुलत ने बताया कि पंजाब पुलिस के तत्कालीन डीजीपी सरबजीत सिंह के साथ उनकी लंबी बातचीत हुई थी, जिसमें सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और दिल्ली से स्पष्ट निर्देशों की कमी के कारण कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया। दुलत ने पुष्टि की कि दिल्ली से स्पष्ट निर्देशों की कमी के कारण डीजीपी ने सक्रियता नहीं दिखाई और अंततः विमान को अमृतसर छोड़ने दिया गया।
दुलत ने यह भी खुलासा किया कि इस अपहरण की साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका थी। उन्होंने कहा, “आईएसआई की भूमिका स्पष्ट थी और यह सिर्फ हमारी रिपोर्ट से ही नहीं बल्कि एक पाकिस्तानी पत्रकार की रिपोर्ट से भी सामने आया था, जिसने बताया कि आईएसआई ने पूरी साजिश को नियंत्रित किया।”
इस खुलासे ने कंधार हाईजैक मामले पर नई बहस को जन्म दे दिया है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या भारत की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उचित कदम उठाए गए थे या नहीं।