अरशद नदीम ने ओलंपिक गोल्ड जीतकर नीरज चोपड़ा पर किया ऐसा कमेंट, पाकिस्तान के लिए पहला गोल्ड
नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। अपने दूसरे थ्रो में ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ते हुए उन्होंने पहला स्थान हासिल किया। यह पाकिस्तान के लिए जैवलिन थ्रो में पहला गोल्ड है।
मुकाबले के बाद, अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि वह हमेशा उनकी प्रेरणा रहे हैं और उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना सम्मान की बात है। चोपड़ा ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता था और नदीम की सफलता को उन्होंने उच्च मानक की प्रतियोगिता के रूप में सराहा।
अरशद नदीम बने ओलंपिक में व्यक्तिगत गोल्ड जीतने वाले पहले पाकिस्तानी एथलीट
ओलंपिक इतिहास में पाकिस्तान ने पहली बार 1956 में मेडल जीता था। इसके बाद, 1996 तक पाकिस्तान को लगातार ओलंपिक मेडल मिलते रहे, लेकिन 1996 के बाद से देश को कोई भी ओलंपिक मेडल नहीं मिला था।
अब, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने इस लंबे अंतराल को समाप्त करते हुए व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रचा है। पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में अपने शानदार प्रदर्शन के चलते नदीम ने पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
पाकिस्तान ने ओलंपिक इतिहास में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की हैं, जिनमें हॉकी में गोल्ड मेडल और 1988 के सियोल ओलंपिक में मुक्केबाज हुसैन शाह द्वारा मिडल-वेट में ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। अब पाकिस्तान ने व्यक्तिगत स्पर्धा में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर व्यक्तिगत स्पर्धा में पाकिस्तान के लिए पहला गोल्ड मेडल हासिल किया है। इस उपलब्धि ने न केवल पाकिस्तान का नाम रोशन किया है, बल्कि एथलेटिक्स में पाकिस्तान की उपस्थिति को भी मजबूत किया है।
अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा को लेकर की टिप्पणी, पहली बार नीरज को हराया
पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो के मुकाबले में भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम ने प्रतिस्पर्धा की। अब तक, ये दोनों एथलीट 9 बार आमने-सामने आ चुके थे और हर बार नीरज ने जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार अरशद नदीम ने नीरज को हराकर गोल्ड मेडल जीता।
जब अरशद नदीम से नीरज चोपड़ा के खिलाफ प्रतिद्वंद्विता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि खेलों में प्रतिद्वंद्विता स्वाभाविक होती है और यह दोनों देशों के लिए सकारात्मक संकेत है। नदीम ने कहा कि इस तरह की प्रतिस्पर्धा से खेलों की लोकप्रियता बढ़ती है और खिलाड़ी देश का नाम रोशन करते हैं।
नदीम ने अपने करियर के बारे में भी बात की, उन्होंने खुलासा किया कि वह पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे और टेबल टेनिस भी खेली है। हालांकि, उनके कोच ने उनकी शारीरिक बनावट को देखते हुए उन्हें भाला फेंक के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद से उन्होंने 2016 से पूरी तरह से भाला फेंक पर ध्यान केंद्रित किया और अब इस खेल में सफलता प्राप्त की।
जल्द ही फिर आमने-सामने होंगे अरशद नदीम और नीरज चोपड़ा
अरशद नदीम और नीरज चोपड़ा, जो पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में प्रतिद्वंद्वी थे, मैदान पर एक-दूसरे को चुनौती देने की कोशिश करते हैं। हालांकि, मैदान के बाहर दोनों अच्छे दोस्त हैं और एक-दूसरे का समर्थन भी करते हैं।
हाल ही में, जब अरशद नदीम ने सोशल मीडिया पर नए भाले के लिए पैसे जुटाने की अपील की थी, तो नीरज चोपड़ा ने उनका समर्थन किया था। दोनों एथलीट अभी युवा हैं और भविष्य में कई बार आमने-सामने आ सकते हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले मुकाबले में कौन सा एथलीट बाजी मारता है। दोनों की प्रतिस्पर्धा और दोस्ती खेल के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है।