सेना में सूबेदार और ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा, जानें उनकी पढ़ाई और करियर के बारे में, किसने पहचानी नीरज की प्रतिभा
नई दिल्ली: भारतीय जैवलिन थ्रो के सितारे नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2023 में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी शानदार फार्म को जारी रखा है। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने इस बार भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में 89.45 मीटर का थ्रो किया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया। हालांकि, उनके अन्य प्रयास फाउल रहे। उनके क्वालीफायर राउंड में 89.12 मीटर का थ्रो भी रिकॉर्ड था।
सेना में नीरज चोपड़ा का पद:
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर तैनात हैं। उनकी सेना में यह यात्रा दक्षिण एशियाई खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद शुरू हुई। राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) के रूप में नियुक्ति के बाद, टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्हें सूबेदार के पद पर प्रमोट किया गया।
नीरज चोपड़ा की पढ़ाई:
नीरज चोपड़ा की शिक्षा का सफर भी प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पानीपत के बीवीएन पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक (डीएवी) कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। 2021 में, नीरज चोपड़ा ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की, जहां उन्होंने बीबीए की पढ़ाई की।
नीरज चोपड़ा की प्रतिभा की पहचान:
नीरज की भाला फेंकने की प्रतिभा सबसे पहले पानीपत स्पोर्ट्स अथॉरिटी में जयवीर चौधरी ने पहचानी। जयवीर चौधरी ने नीरज को उनके शुरुआती करियर में मार्गदर्शन प्रदान किया और उनके पहले कोच बने।
पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन:
पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो के सबसे प्रतिभाशाली एथलीटों में से एक साबित हुए। हालांकि, वे गोल्ड मेडल नहीं जीत सके, लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम के द्वारा 92.97 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल जीतने के बाद भी नीरज ने सिल्वर मेडल के साथ अपनी चमक बनाए रखी।
नीरज चोपड़ा की यह यात्रा उनके समर्पण और मेहनत का प्रमाण है, जो उन्हें केवल भारतीय खेलों के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक महान खिलाड़ी बनाता है।