जमशेदपुर: इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो चुकी है। पितृ पक्ष के दौरान पितरों का यानी हमारे पूर्व पुरुषों का तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध किया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है की ये पक्ष अपने पितरों का ऋण चुकाने के लिए होता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से हमारे पितरों को मुक्ति मिलती है और वो हमसे खुश होकर हमें आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान अपने पूर्वजों का श्राद्ध भी किया जाता है, जिससे उनको शांति मिलती है। इससे हमारे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
पितृ पक्ष के दौरान कौए को भोजन क्यों खिलाना चाहिए?
पितृ पक्ष के दौरान कौए को खाना खिलाना अनिवार्य होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौए को यमराज का प्रतीक माना जाता है। यदि कौआ श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर ले तो हमारे पूर्व पुरुषों की आत्मा तृप्त हो जाती है। कौए के भोजन करने से यम जी खुश होते हैं और पूर्वजों की आत्मा को शांति भी मिलती है।
कैसे करें घर पर तर्पण?
कईं बार ऐसा होता है कि तर्पण के लिए हमें पंडित नहीं मिल पाते हैं। इस स्थिति में लोग अपने घर पर ही तर्पण करने की व्यवस्था कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें घर पर तर्पण :
1) जिस जगह आपको तर्पण करना हो वहां गंगाजल छिड़क लें। इसके बाद एक दीप जलाएं।
2) जिनका भी तर्पण करना हो उनकी तस्वीर को स्थापित करें। पितृ देवता के मंत्रों से उनको याद करें।
3) कुश की जूड़ी को पानी से भरे लोटे में डालें।
4) उसके बाद अपने पितरों का नाम लेते हुए जल अर्पित करें।
5) इसके बाद दूध, घी, दही को पानी में मिलाकर इसे भी अर्पित करें।
6) तर्पण करते वक्त ॐ तर्पयामी मंत्र का जाप करें। इसके बाद पिंड बनाकर कुश पर रखकर पानी से सींचे।
7) पितरों के लिए खाना बना कर उन्हें चढ़ाएं और उनको श्रद्धांजलि दें।
8) इसके बाद पशु पक्षियों को भोजन कराएं और अपने हैसियत के अनुसार दान पुण्य करें।