DU समेत 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 12वीं बोर्ड के नंबर पर एडमिशन: जानें UGC का नया नियम
नई दिल्ली: देश के 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अब 12वीं बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर भी एडमिशन मिल सकेगा। हालांकि, प्रवेश के लिए मुख्य मानदंड कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) स्कोर रहेगा। यदि, CUET के आधार पर तीन या चार राउंड की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं, तो इन्हें भरने के लिए UGC ने एक नया निर्देश जारी किया है।
UGC ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर बताया है कि इन खाली सीटों को भरने के लिए 12वीं बोर्ड के अंकों को मान्यता दी जाएगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्थिति में एक भी सीट खाली न रहे।
SOP क्या है ?
यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए नए SOP जारी किए हैं। इनके तहत 12वीं बोर्ड के अंकों के आधार पर भी एडमिशन की प्रक्रिया को सरल किया गया है। यहां प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
1. सीयूईटी के बाद सीटें खाली रहने पर: यदि सीयूईटी (CUET) के स्कोर के बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो विश्वविद्यालय सब्जेक्ट क्राइटेरिया में छूट दे सकते हैं।
2. अन्य विकल्प: यदि इसके बावजूद सीटें भरने में समस्या होती है, तो विश्वविद्यालय अपना एंट्रेंस टेस्ट आयोजित कर सकते हैं या 12वीं बोर्ड के अंकों के आधार पर एडमिशन दे सकते हैं।
3. कोर्सेस के आधार पर:
– यूजी कोर्सेस: बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे ग्रैजुएशन कोर्सेज में एडमिशन 12वीं बोर्ड के अंकों पर आधारित होगा।
– पीजी कोर्सेस: पोस्ट-ग्रैजुएट (PG) कोर्सेज में एडमिशन ग्रैजुएशन में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा।
4. रिजर्वेशन और कोर्स कम्प्लीशन: सभी कोर्सेज और प्रोग्राम्स में रिजर्वेशन रोस्टर लागू रहेगा। जिन स्टूडेंट्स का एडमिशन देरी से होगा, उनके कोर्स को पूरा करवाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होगी।
इन नए नियमों के तहत, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सीटें भरने की प्रक्रिया को अधिक लचीला और पारदर्शी बनाया जाएगा।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हर सीट को भरने के लिए UGC का नया SOP: प्रो. एम. जगदीश कुमार
UGC के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में किसी भी सीट को खाली न छोड़ने के उद्देश्य से एक नई SOP जारी की गई है। उन्होंने कहा कि खाली सीटों को भरने के लिए यूनिवर्सिटी को जो विकल्प दिए गए हैं, वे मेरिट आधारित और पारदर्शी होंगे।
प्रो. कुमार ने स्पष्ट किया कि सीयूईटी में शामिल हुए छात्र, चाहे उन्होंने पहले किसी विश्वविद्यालय में आवेदन दिया हो या नहीं, उन पर भी विचार किया जाएगा। यूजीसी की कोशिश है कि विश्वविद्यालय के संसाधन व्यर्थ न जाएं और हर सीट का पूरा उपयोग हो। SOP के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालय को हर कोर्स की हर सीट भरने की पूरी कोशिश करनी होगी।
दाखिला ले चुके छात्रों को नहीं मिलेगा मौका: UGC का नया निर्देश
यूजीसी ने खाली सीटों को भरने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, तीसरे या चौथे राउंड की काउंसलिंग के बाद भी जिन छात्रों को एडमिशन नहीं मिला होगा, केवल वही छात्र आवेदन कर सकेंगे। जिन स्टूडेंट्स को किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में किसी भी कोर्स में दाखिला मिल चुका होगा, उनके आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
यूजीसी का कहना है कि यह रियायतें खाली सीटों को भरने के उद्देश्य से हैं। अगर दाखिला ले चुके छात्रों को भी मौका दिया गया, तो इस प्रक्रिया का कोई मतलब नहीं रहेगा। यूजीसी को उम्मीद है कि विश्वविद्यालयों की एडमिशन प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की शिकायत न हो।