थाने पर की शिकायत, होगी कार्रवाई
जमशेदपुर: आज हम लाए हैं एक अनोखे फ्राड की खबर। इसमें वाहन बेचने के नाम पर फ्राड हुआ है।
जमशेदपुर में फर्जीवाडा का अलग तरह का मामला सामने आया है। इसमें कम पैसे में नई बाइक देने की बात कह लोगों को अपने जाल में फंसाया गया। इस तरह इनके साथ फर्जीवाड़ा किया गया है। इन लोगों ने बाइक की पूरी कीमत अदा कर दी। बाद में पता चला कि उनकी बाइक को फाइनेंस कराया गया है। अब इन लोगों के पास बैंक की नोटिस पहुंच रही है।
फ्राड का पता तब चला जब वाहन खरीदने के 7 से 9 महीने के बाद बैंक की तरफ से उन लोगों के पास नोटिस भेजा गया। उन्हें नोटिस के जरिए बताया गया कि उनकी गाड़ियां फाइनेंस की गई हैं और कई महीनों की किस्त बाकी है। यह भी बताया गया कि रकम नहीं चुकाने पर गाड़ियों को वापस ले लिया जाएगा। इसके बाद शहर के इन वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया और यह बात अधिवक्ता राहुल गोस्वामी के पास तक पहुंची।
इस तरह की गई ठगी
अधिवक्ता राहुल गोस्वामी ने जब जांच की तो यह बात सामने आईं कि विभिन्न वाहनों के शोरूम में जब वाहन खरीदने के लिए ग्राहक गए तो फर्जीवाड़ा करने वाले वहां पहले से बैठे थे। इनकी संख्या तीन से चार के बीच में थी। इन तीन- चार लोगों ने ग्राहकों को यह पट्टी पढाई कि जितनी गाडी की कीमत है उससे 10 हजार से 15 हजार रुपए कम रकम में उन्हें वही गाडियां दिला देंगे। इस बात से ग्राहक प्रलोभन में आ गए। वे राजी हो गए और कुछ ही घंटे में उन्हें उनकी मनचाही गाडियां शोरूम के बाहर दे दी गईं। या फिर उनके घर पहुंचा दी गईं। साथ में ओनर बुक सहित अन्य कागजात भी सौंप दिया। जिससे उन्हें किसी प्रकार का शक नहीं हो पाया।
लेकिन जैसे ही 7 से 9 महीने बीत गए तो विभिन्न बैंक की ओर से लोगों को फाइनेंस का नोटिस मिलने लगा।
फर्जीवाड़ा में बैंक के कर्मी भी हो सकते हैं शामिल
अधिवक्ता राहुल गोस्वामी ने बताया कि पूरी तरह से फर्जीवाड़ा बैंक और शोरूम की मिली भगत से की गई है। इसमें शामिल, नीरज कमल, मोहम्मद हसन, अमजद, अनिमेष पाथर, दीपक सिंह के अलावा दो बैंकों के खिलाफ बिष्टुपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक 50 भुक्तभोगियों के द्वारा थाने में शिकायत की गई है। जबकि कुल 400 लोगों के साथ इस तरह की धोखेबाजी की गई है। जो प्रशासन की ओर से जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।