कॉलेज को मिला है ग्रीन कैंपस प्रमाणन
जमशेदपुर : मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ग्रीन कैंपस सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया गया है। इस मौके पर कॉलेज ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में एक अहम कदम उठाते हुए आज शनिवार को ग्रीन इनिशिएटिव शुरू की है। इसके तहत परिसर में सैकडों पौधे लगाए गए। कॉलेज के पहले आउटरीच और कम्युनिटी स्मारिका एमटीएमसी बीकन का विमोचन भी हुआ है।
इस विशेष आयोजन में झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन कुमार ने चीफ गेस्ट के रूप में शिरकत की। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक स्मिता पंकज मौजूद रहीं।
इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना, समाज के वंचित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना और छात्रों को सामुदायिक सेवा के लिए प्रेरित करना था। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने ग्रीन कैंपस सर्टिफिकेशन प्राप्त कर यह दिखाया है कि वह केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी लीडर है।
चीफ गेस्ट न्यायमूर्ति नवीन कुमार ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बडी जरूरत है। हमें यह समझना होगा कि प्रकृति और मानव का संबंध अटूट है। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने इस दिशा में जो पहल की है, वह प्रेरणादायक है। एमटीएमसी बेकन के माध्यम से कॉलेज न केवल सामुदायिक सेवा की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी फैला रहा है। विशिष्ट अतिथि स्मिता पंकज ने कहा कि वन और पर्यावरण का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का फर्ज है। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने जिस तरह से ग्रीन कैंपस प्रमाणन प्राप्त किया है, वह इस बात की मिसाल है कि एक संस्था कैसे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकती है।
इस मौके पर कॉलेज की पहली स्मारिका एमटीएमसी बीकन का विमोचन किया गया। यह स्मारिका कॉलेज की सामुदायिक सेवाओं, आउटरीच कार्यक्रमों और पर्यावरण संरक्षण में योगदान को दर्शाती है। एमटीएमसी बीकन न केवल कॉलेज की उपलब्धियों को सामने लाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करेगी।
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज को हरित कैंपस प्रमाणन मिलने से संस्था ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक नया आयाम दिया है। इस प्रमाणन के तहत कॉलेज ने ऊर्जा संरक्षण, पानी की बचत, कचरे के प्रबंधन और हरित क्षेत्र बढ़ाने जैसे कई प्रयास किए हैं।
कार्यक्रम में कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स पेश किए। कॉलेज के डीन ने बताया कि आने वाले समय में कॉलेज और भी कई हरित पहल शुरू करेगा।
कॉलेज के प्रबंध निदेशक ने बताया कि आने वाले वर्षों में एमटीएमसी बडे पैमाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करेगा। कॉलेज यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता दी जाए।
यह कार्यक्रम मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज की प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता को दिखाता है। पर्यावरण और सामुदायिक सेवा की दिशा में किए गए ये प्रयास न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक हैं।