केंद्र सरकार अब बार कोड वाला पैन कार्ड लाने जा रही है। सरकार ने 25 नवंबर को घोषणा की है कि वह पैन कार्ड 2.0 लाने जा रही है। यह घोषणा इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। उन्होंने कहा कि नया पैन कार्ड 2.0 में क्यूआर कोड की सुविधा रहेगी। क्यूआर कोड के जरिए पैन कार्ड का सारा डिटेल एक झटके में सामने आ जाएगा। भारतीय आयकर विभाग ने यह पैन कार्ड 2.0 वर्जन शुरू किया है। पहले पैन कार्ड 1.0 चल रहा था। पैन कार्ड 2.0 पुराने पैन कार्ड का अपडेटेड वर्जन है।
1972 में हुई थी पैन कार्ड की शुरुआत
पैन कार्ड की शुरुआत 1972 में इनकम टैक्स के सेक्शन 139 ए के तहत हुई थी। पैन कार्ड का मकसद इनकम टैक्स की चोरी को रोकना था और जो लोग टैक्स अदा करते हैं उनका डाटा एकत्र करना था। प्रारंभ में टैक्स देने वालों और इनकम टैक्स भरने वालों के लिए पैन कार्ड जारी किए जाते थे। बाद में 1990 के दशक में सभी लोगों के लिए और विभिन्न कंपनियों के लिए पैन कार्ड जरूरी कर दिया गया था। अब इस पुराने पैन कार्ड को बदला जा रहा है। जो नया पैन कार्ड 2.0 जारी किया गया है इसको प्रयोग में अनिवार्य कर दिया गया है। पैन 1.0 में बदलाव करते हुए ही पैन कार्ड 2.0 की शुरुआत की गई है।
नए पैन कार्ड के लिए खर्च किए जाएंगे 1435 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार ने ऐलान किया की क्यूआर कोड वाले पैन 2.0 के लिए 1435 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। नया पैन बनाने पर यह रकम खर्च होगी। केंद्र सरकार पैन 2.0 के जरिए सुरक्षा में सुधार चाहती है। इसीलिए नए पैन में सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी प्रोटोकॉल फीचर्स को जोड़ा गया है।
अभी भारत के 78 करोड़ लोगों के पास है पैन कार्ड
अभी भारत के 78 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है। पैन कार्ड 10 अंकों का पैन नंबर होता है। पैन कार्ड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है। सभी भारतीयों के लिए पैन कार्ड जरूरी है। पैन कार्ड पहचान पत्र के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। साथ ही इसका वित्तीय मामलों में प्रयोग किया जाता है। पैन कार्ड से इनकम टैक्स दाखिल करना आसान होता है। बैंक खाता खोलने में भी और वित्तीय लेनदेन में पैन कार्ड का प्रयोग किया जाता है। अगर आप किसी भी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए पैन कार्ड जरूरी है। विदेश यात्रा के दौरान भी पैन कार्ड आवश्यक रूप से प्रयोग में आता है। अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आप विदेश यात्रा के दौरान परेशान हो सकते हैं। आधिकारिक पहचान के रूप में भी पैन कार्ड अनिवार्य है।
जानें क्या काम करता है यूनिक कोड
पैन कार्ड में 10 अंकों का जो यूनिक कोड होता है उसे अल्फा न्यूमेरिक और नंबरों में जारी किया जाता है। पहले पांच शब्द अल्फा यानी अंग्रेजी के अक्षर होते हैं। यह अक्षर ए से जेड के बीच में कुछ भी हो सकते हैं। पहले तीन अल्फा में पैन कार्ड का सीरियल नंबर होता है। चौथा लेटर व्यक्ति या कंपनी की पहचान होती है। अगर पैन कार्ड में किसी व्यक्ति के पैन कार्ड में पी लिखा है और यह किसी कंपनी का कार्ड है तो उसमें सी लिखा होगा। आखिरी अल्फा में सरनेम का पहला अक्षर इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद अगले चार न्यूमेरिक नंबर होते हैं। यह इनकम टैक्स विभाग की सीरीज को दिखाते हैं। दसवां नंबर अल्फाबेट होता है। यानी यह एक चेक डिजिट होता है।
पुराने पैन कार्ड में थीं यह खामियां
इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि पुराने पैन कार्ड में सुरक्षा को लेकर कई खामियां थीं। इससे धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे थे। नए पैन कार्ड में सुरक्षा को लेकर काफी प्रबंध किए गए हैं। नए पाठ के सिस्टम को डिजिटल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। नए सिस्टम की मदद से पैन कार्ड यूनिवर्सल आइडी की तरह काम करेगा। पैन 2.0 पुराने पैन कार्ड से पूरी तरह अलग होगा। इसे आधार कार्ड से लिंक करके फाइनेंस और करदाता के डाटा को मैनेज करने के लिए बनाया गया है। पैन कार्ड का डिजिटाइजेशन पैन 2.0 की सबसे बड़ी विशेषता है। इसका डिजिटाइजेशन कर दिया गया है। आसान भाषा में कहें तो यह पैन 2.0 का फिजिकल कार्ड नहीं मिलेगा। इसका डिजिटल कार्ड बनेगा और यह पैन कार्ड फर्जी वाले को रोक रोकेगा।
पैन 2.0 में क्यूआर कोड का फीचर भी जोड़ा गया है
इसे डिजिटल सिग्नेचर के तौर पर भी समझ सकते हैं। क्यूआर कोड में पैन कार्ड होल्डर का नाम और पैन नंबर छिपा होगा। इस कोड को स्मार्टफोन या किसी भी स्कैनिंग डिवाइस से स्कैन करके पैन कार्ड का वेरिफिकेशन किया जा सकता है। पैन 2.0 को आधार से लिंक करना अनिवार्य किया गया है। अगर आपका पैन कार्ड पहले से आधार कार्ड से लिंक है तो इस नए कार्ड से अपडेट करना होगा। इससे करदाता की पहचान आसानी से हो सकेगी और इनकम टैक्स की चोरी रुकेगी। पैन 2.0 से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सिस्टम को बेहतर करने मदद मिलेगी। इससे कागजी दस्तावेजों का इस्तेमाल कम किया जा सकेगा और डिजिटलाइजेशन के जरिए जांच की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
पहले से है पैन कार्ड तो अप्लाई करने की जरूरत नहीं
अगर किसी के पास पहले से पैन कार्ड है तो उसे नए पैन कार्ड के लिए आवेदन की जरूरत नहीं है। सिर्फ आधार कार्ड से बैंक को लिंक करना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आधार लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है। इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर इसे लोगिन कर पैन कार्ड को आधार से लिंक कर सकते हैं। एसएमएस के जरिए भी पैन कार्ड को आधार से लिंक किया जा सकता है। पैन कार्ड लिंक करने के लिए आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट incomtaximdiaefilling.gov.in पर लॉगिन करना होगा। आपके पास आधार कार्ड और पैन से लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए। उदाहरण के लिए UIDPAN स्पेस आधार नंबर लिखकर 56161 पर भेज सकते हैं। इसके बाद आपका पैन कार्ड अपडेट हो जाएगा।
पैन नहीं तो फौरन करें अप्लाई
वहीं अगर आपके पास पहले से पैन कार्ड नहीं है तो आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर नया आवेदन करना होगा। यह प्रक्रिया मुफ्त रखी गई है। आवेदन करने के बाद पैन 2.0 का नया डिजिटल पैन कार्ड आपको मिल जाएगा। पैन 2.0 बनने के बाद इनकम टैक्स की वेबसाइट से इसे डाउनलोड किया जा सकेगा। यह पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड होगा। इसे फोन या कंप्यूटर में सेव करके रखा जा सकता है। यह कार्ड पूरी तरह से वैध होगा और कहीं भी आधिकारिक प्रक्रिया में इसका प्रयोग हो सकेगा और 2.0 का डाटा इनकम टैक्स विभाग के डेटाबेस में स्टोर रहेगा।
क्या होगा पुराने पैन कार्ड का
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि पुराने पैन कार्ड को बंद नहीं किया जाएगा। जब तक नया कार्ड नहीं बन जाता। पुराने कार्ड से काम होते रहेंगे और पैन कार्ड 2.0 बनने के बाद नया कार्ड इस्तेमाल होगा और उसे अनिवार्य किया जाएगा। पुराने पैन कार्ड को अपडेट करने पर पैन नंबर में कोई बदलाव नहीं होगा। आपका पैन नंबर वही रहेगा। लेकिन अगर आप पहली बार पैन कार्ड बनवा रहे हैं तो आपको नए पैन 2.0 के साथ नया पैन नंबर दिया जाएगा।
पैन 2.0 से टैक्स पेयर्स को क्या फायदा होगा
सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन बताते हैं कि पैन 2.0 से टैक्स पेयर को पांच फायदे होंगे।पैन 2.0 टैक्सपेयर्स की रजिस्ट्रेशन तकनीक को ट्रांसफॉर्म करते हुए इसे टेक्नोलॉजी ड्राइव बना देगा। पैन 2.0 के बाद कर दाता को आयकर विभाग में रजिस्ट्रेशन करना आसान हो जाएगा। कर दाता को एक जगह वेरीफिकेशन प्रोसेस पूरा करना होगा। इसके बाद डिटेल को डाटा के रूप में सुरक्षित रखा जा सकेगा। पैन कार्ड के 10 डिजिट के यूनिक नंबर को क्यूआर कोड में छुपा दिया जाएगा। किसी भी टैक्स पेयर्स की डिटेल्स निकालने के लिए सिर्फ क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। ऐसे में फाइनेंस से जुड़े सभी मसलों में टैक्स पेयर्स के लिए पेपर वर्क कम हो जाएगा।
पोर्टल भी किया जा रहा है लांच
पैन 2.0 के तहत सरकार एक पोर्टल भी लॉन्च करने जा रही है। इसमें टैक्स से संबंधित कोई भी शिकायत की जा सकती है। यह यूनिफाइड पोर्टल होगा। यह पोर्टल सभी सरकारी पोर्टल से लिंक होगा।
बिजनेस आईडेंटिफायर मिशन के तहत जारी किया गया है नया पैन कार्ड
कामन बिजनेस आईडेंटिफायर मिशन यानी सीबीआई को पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण के दौरान पेश किया था। सीबीआई का मकसद भारत में बिजनेस के तरीके को आसान बनाना है। भारत में शुरू होने वाली किसी भी बिजनेस को यूनिक पहचान नंबर दिया जाता है। पैन 2.0 को बड़ा बिजनेस आईडेंटिफायर मिशन के तहत लॉन्च किया गया है। अभी तक किसी भी कंपनी के लिए पैन, टैन और टिन नंबर अलग से जारी होता था।
नया पैन कार्ड नहीं बनवाया तो होगा यह नुकसान
अकाउंटेंट राजेश शर्मा बताते हैं कि अगर आप पैन 2.0 नहीं बनवाते तो आपको कुछ नुकसान हो सकते हैं। अगर आप पुराने पैन कार्ड का प्रयोग करते हैं और आपने उसे आधार से लिंक नहीं कराया तो पुराना पैन कार्ड कभी भी बंद हो सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग और विधि लेनदेन में परेशानी हो सकती है। विदेश यात्रा या नौकरी के लिए उसे पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। बैंकिंग ट्रांजैक्शन, लोन आवेदन और क्रेडिट कार्ड आवेदन के काम बाधित होंगे। पैन कार्ड की धोखाधड़ी या फर्जीवाड़े का खतरा बना रहेगा। इससे आपको सरकारी योजना और सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा। पैन 2.0 नहीं होने से वित्तीय कानूनी परेशानी होगी।
जानें कितने प्रकार के होते हैं पैन कार्ड
अकाउंटेंट सुशील कुमार बताते हैं कि आम लोगों को पी कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। इस तरह के पैन कार्ड भारत में रहने वाले निजी लोगों को जारी किए जाते हैं। इस पैन कार्ड का इस्तेमाल वह व्यक्ति अपनी आर्थिक गतिविधि के लिए करता है। हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के लिए ऑफ HUF कैटेगरी के पैन कार्ड दिए जाते हैं। जैन और सिख फैमिली को भी इसी कैटेगरी के पैन कार्ड दिए जा सकते हैं। कंपनी को सी कैटेगरी का पैन कार्ड जारी किया जाता है। किसी भी कंपनी को भारत में बिजनेस शुरू करने से पहले सी कैटेगरी का पैन कार्ड लेना जरूरी होता है। इससे कंपनी को देश में यूनिक आइडेंटिटी मिल जाती है। पार्टनरशिप वाली फिल्मों के लिए एफ कैटेगरी का पैन कार्ड जारी होता है। एक से ज्यादा व्यक्तियों के किसी फर्म का रजिस्ट्रेशन करने पर यह पैन कार्ड मिलता है। सरकारी विभागों के लिए जी कैटेगरी के पैन कार्ड जारी किए जाते हैं। इसे गवर्नमेंट एंटिटीज पैन कार्ड भी कहते हैं। चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन या ट्रस्ट को टी कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। इसमें धार्मिक चैरिटेबल और सार्वजनिक उद्देश्य वाले ट्रस्ट आते हैं। किसी भी संगठन को ए कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। बॉडी आफ इंडिविजुअल्स को भी बी कैटेगरी का पैन कार्ड जारी किया जाता है। लोकल अथॉरिटी को एल कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप वाली फर्म को एफ कैटेगरी का पैन कार्ड मिलता है। इन सभी केटेगरी में जो व्यक्ति नहीं आते उन्हें जे कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। विदेशी नागरिक और विदेशी कंपनियों को भी पैन कार्ड जारी होते हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म 498 ए अप्लाई करना होता है।