जमशेदपुर : मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में इस दिन का बहुत बड़ा महत्व होता है। उत्पन्ना एकादशी को देवी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन उत्पन्ना एकादशी के व्रत रखने का विधान होता है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत आज यानी 27 नवंबर को रखा जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन कुछ गलतियों से सावधान रहना चाहिए।
आइए जानते हैं कौन सी हैं वो गलतियां ?
1) एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल अर्पित नहीं किया जाता है। इससे माता तुलसी रुष्ट होती हैं। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन माता तुलसी भी भगवान विष्णु के लिए व्रत का पालन करती हैं, ऐसे में उनको जल अर्पित नहीं करना चाहिए।
2) एकादशी वाले दिन बाल या नाखून भी नहीं कटवाने चाहिए। इस दौरान बाल या नाखून कटवाना अशुभ माना जाता है। इससे भगवान रूष्ट होते हैं। इसके अलावा आपको इस दिन अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए और बेवजह के विवादों से बचना चाहिए।
3) एकादशी की रात जागरण करना चाहिए और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। इससे भगवान आपसे प्रसन्न होंगे। आपकी आर्थिक परेशानियां भी दूर होंगी।
4) एकादशी के दिन तामसिक आहार वर्जित होता है। इस दिन सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए। इससे आप तन और मन दोनों से शुद्ध रहते हैं, और आपका मन भी भक्ति में लगा रहता है।
5) एकादशी के पूजा के दिन काले वस्त्र न पहनें, ये अशुभ होता है। ऐसी मान्यता है कि कला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है।
6) उत्पन्ना एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। इस दिन घर पर चावल बनाना भी वर्जित होता है। इस दिन चावल का सेवन करना अशुभ माना जाता है।