केंद्र सरकार ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत 6000 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। 6000 करोड़ रुपए इस योजना पर खर्च किए जाएंगे। इस योजना के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या-क्या रिसर्च हो रहा है। इसकी जानकारी एक क्लिक पर छात्रों को मिलेगी। 30 बड़े इंटरनेशनल जर्नल पब्लिशर्स को योजना में शामिल किया गया है।
विदेशी पब्लिशर्स को सीधे भुगतान करेगी केंद्र सरकार
केंद्र सरकार इन विदेशी पब्लिशर्स को सीधे भुगतान करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह सिफारिश की गई थी कि देश के रिसर्च इकोसिस्टम में बड़े बदलाव होने चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना लागू की है। छात्रों को आसान डिजिटल प्रक्रिया के जरिए रिसर्च आर्टिकल और जनरल पब्लिकेशन पढ़ने को मिलेंगे। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत आने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों केंद्र सरकार के अनुसंधान और विकास संस्थान, छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता उठा सकेंगे। केंद्रीय एजेंसी इनफॉरमेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर के जरिए इस वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन की मेंबरशिप दी जाएगी।
1 जनवरी से मिलेगा योजना का लाभ
1 जनवरी 2025 से स्टूडेंट्स इस योजना का लाभ ले सकेंगे। इस योजना से 6300 सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के एक करोड़ 80 लाख छात्रों फैकल्टी और रिसचर्स को लाभ मिलेगा। माना जा रहा है कि यह योजना स्टूडेंट और रिसर्च के लिए काफी लाभदायक साबित होगी।