अमरीकी अदालत ने भारत के अड़े कारोबारी गौतम अडानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है। यह अरेस्ट वारंट न्यूयार्क की अदालत ने जारी किया है। गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडानी पर भारतीय अधिकारियों को 2029 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि अमरीका में सोलर एनर्जी सप्लाई कंट्रैक्ट को लेकर यह रिश्वत भारतीय अधिकारियों को दी गई। भारतीय अधिकारियों को यह रिश्वत इसलिए दी गई कि वह अमरीकी अधिकारियों को इस कांट्रैक्ट के बारे में अमरीकी निवेशकों और बैंकों को गलत जानकारी दी जाए। सागर अडानी के खिलाफ यह दोषारोपण न्यू यार्क के पूर्वी जिले के डिप्टी असिस्टेंट अटार्नी जनरल लीजा एच मिलर ने लगाया है। इस संबंध चार्जशीट तैयार की गई है। इस मामले में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडाणी के अलावा, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सीईओ विनीत जैन, रंजीत गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और सिरिल कैबन्स पर भी चार्ज शीट तैयार की गई है। रंजीत गुप्ता एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड में साल 2019 से 2022 तक सीईओ थे। रूपेश अग्रवाल ने भी एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड में काम करता था। बाकी तीन लोग कनाडा की कंपनी इंफ्लुएंस इन्वेस्टर में काम करते हैं। इस मामले में अडाणी कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि जब तक कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ सजा का आदेश नहीं आ जाता तब तक इस मामले में इन आरोपियों को दोषी नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह बाद में रिलीज जारी कर इस मसले पर कंपनी का पक्ष रखेंगे। अमरीकी के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने रिश्वत के इस मामले में न्यूयार्क कोर्ट में केस फाइल कर दिया है।