नई दिल्ली: नई केंद्रीय योजना पीएम विद्यालक्ष्मी के तहत अब एजुकेशन लोन पर कोई अपर लिमिट नहीं है. इसका मतलब है कि छात्र को लोन की रकम पर कोई सीमा नहीं होगी, चाहे वह एक लाख रुपये का लोन ले या उससे ज्यादा. वहीं, लोन पर मिलने वाली ब्याज में छूट की बात करें तो, 10 लाख रुपये तक के लोन पर छूट मिलेगी. इस छूट का फायदा केवल 1 लाख छात्रों को मिलेगा. योजना के तहत एप्लीकेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और जनवरी 2025 तक नए बदलावों के साथ पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा.
क्या 10 लाख से ज्यादा लोन मिल सकता है?
मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के जॉइंट सेक्रेटरी, पूर्णेंदू किशोर बनर्जी के अनुसार, नेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत अब छात्रों को बिना गारंटर के एजुकेशन लोन मिलेगा, और उन्हें कोई संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी. चाहे वह 1 लाख का लोन ले या 10 लाख का, या उससे ज्यादा भी, इस पर कोई सीमा नहीं होगी.
भारत के 860 उच्च शिक्षा संस्थानों को एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर चुना गया है, और इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा.
लोन कितने तक मिलेगा और कैसे तय होगा?
लोन की राशि कोर्स की फीस, हॉस्टल फीस, लैपटॉप, खाने-पीने और अन्य खर्चों को देखते हुए तय की जाएगी. यह लोन 10 लाख से ज्यादा भी हो सकता है, क्योंकि हर छात्र की जरूरत अलग हो सकती है. इंडियन बैंक एसोसिएशन के द्वारा एक मॉडल एजुकेशन लोन स्कीम तैयार की गई है, जो लोन के कैलकुलेशन को स्पष्ट करती है.
इंटरेस्ट छूट की शर्तें:
जिन छात्रों के परिवार की एनुअल इनकम 8 लाख रुपये से कम है, उन्हें 10 लाख तक के लोन पर 3% इंटरेस्ट की छूट मिलेगी.
4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले छात्रों को 10 लाख तक के लोन पर पूरे ब्याज की रियायत मिलेगी.
अगर इंटरेस्ट में छूट के लिए अप्लाई करने वाले छात्रों की संख्या 1 लाख से कम रही तो सभी को फायदा मिलेगा, लेकिन यदि आवेदन ज्यादा होते हैं, तो पहले राज्यवार वितरण होगा और तकनीकी व प्रफेशनल एजुकेशन वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी.
कितने छात्रों को मिलेगा लोन?
ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन (AISHE Report) 2022 के अनुसार, इन 860 संस्थानों में हर साल करीब 22 लाख छात्र दाखिला लेते हैं. इन सभी छात्रों को लोन के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा. आईआईटी, आईआईएम जैसी प्रमुख संस्थाओं के छात्रों को भी लोन मिलेगा, लेकिन उनकी फीस ज्यादा होने के कारण उन्हें अधिक लोन की आवश्यकता हो सकती है.