जमशेदपुर : हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रति माह 5 ऐसे दिन होते हैं जब कोई भी शुभ या मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इसे पंचक कहा जाता है। ज्योतिष जाएं के अनुसार, चंद्रमा के इन 5 नक्षत्रों में प्रवेश करने से पंचक बनता है। चंद्रमा हर ढाई दिन में एक राशि परिवर्तन करता है। वहीं हर दिन एक नक्षत्र परिवर्तन करता है। इसका असर किसी न किसी व्यक्ति पर पड़ता ही है।
हर महीने इन पांच दिनों में चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरता है। इस दौरान पंचक लगता है। जिस भी दिन पंचक की शुरुआत होती है, उस दिन के हिसाब से ही तय होता है। पंचक अच्छा होगा या नहीं। इस महीने पंचक 9 नवंबर, दिन शनिवार यानी आज से शुरू हो रहा है। इसलिए इस पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।
कब से कब तक रहेगा पंचक ?
पंचांग के अनुसार, नवंबर महीने में पंचक 9 नवंबर की रात 11:27 बजे से शुरू होगा जिसकी समाप्ति 14 नवंबर सुबह 03:11 बजे को होगी।
मृत्यु पंचक के दौरान क्या करें क्या न करें ?
1) मृत्यु पंचक के दौरान कुछ कामों को करने की सख्त मनाही होती है। इस दौरान मांगलिक कार्य निषेध होते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्य करने से अशुभ फल मिलते हैं।
2) इस दौरान छत की ढलाई नहीं करनी चाहिए। यदि इस दौरान कोई व्यक्ति छत की ढलाई करता है, तो उसे अशुभ माना जाएगा। इस छत के नीचे रहने वाले हर व्यक्ति के बीच मतभेद बना रहेगा। परिवार में सुख शांति का अभाव होगा।
3) इस दौरान चारपाई, पलंग या बेड बनाने की मनाही होती है। ऐसा कुछ भी बनाने से अशुभ फल मिलते हैं। जीवन की परेशानियां बढ़ती हैं।
4) यदि पंचक काल के दौरान कोई व्यक्ति परलोक सिधार जाते हैं, तो व्यक्ति को पंचक दोष लग सकता है। पंचक दोष से बचने के लिए उस व्यक्ति के शव के साथ 5 कुश या आटा का पुतला बनाकर उसी शव के साथ इनका भी पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए।
5) इस दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने की मनाही होती है। यदि आपको किसी कारण की वजह से उस दिशा में यात्रा करना पड़े तो हनुमान जी को अवश्य फल का भोग लगाएं और उनकी पूजा कर के निकले।
शनिवार को पड़ने वाला पंचक क्यों है इतना कष्टदायक?
शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्युपंचक कहा जाता है। इस दौरान व्यक्ति को भारी कष्ट उठाना पड़ सकता है। व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक संकट भी हो सकता है, किसी और दिन के मुकाबले।