जमशेदपुर: प्रति वर्ष कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ छठ पूजा के महापर्व का शुभारंभ होता है। इस साल नहाय खाय 5 नवंबर यानि मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। छठ के पहले दिन नहाय खाय की रीत चली आ रही है। इस दिन सवेरे उठकर विवाहित महिलाएं जो कि व्रत का पालन करने वाली हैं, वे नहाकर सात्विक आहार का सेवन करती है। छठ पूजा के इन चार दिनों तक व्रत से जुड़े कई विधान होते हैं। चलिए जानते हैं पहले दिन किन नियमों का पालन करना पड़ता है।
नहाय खाय का महत्व :
इस दिन जो भी व्रत का पालन कर रहे होते हैं, वे स्नान करने नदी में जाते हैं। छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही इस पावन पर्व की शुरुआत होती है। इस दिन व्रती सात्विक आहार ग्रहण करते हैं, इससे व्रती में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नहाय खाय के विशेष नियम :
1) इस दिन पहले घर की साफ सफाई की जाती है। घर की तमाम गंदगियों को निकाल देना होता है।
2) इस दिन व्रत वासियों को सवेरे जल्दी उठकर नहा लेना होता है। इससे तन की शुद्धि होती है और मन भी शांत रहता है।
3) इसके बाद साफ सुथरे कपड़े पहनें, हो सके तो नए वस्त्र पहनें। अपने ऊपर गंगाजल का भी छिड़काव कर लें।
4) इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उनसे मंगलमय जीवन की कामना करें।
5) नहाय खाय का भोजन पहले सूर्य देव को भोग के तौर पर लगाएं, उसके बाद ही स्वयं ग्रहण करें।
6) इस दिन सात्विक भोजन करना होता है। इस दिन गलती से भी प्याज़, लहसुन या किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें।
7) नहाय खाय के दिन, लौकी चने की दाल, कद्दू की सब्जी और भात खाने का रिवाज है।
8) इस दिन बनने वाला भोजन सबसे पहले घर के व्रती को ही खाना चाहिए। इसके बाद घर के अन्य सदस्य खा सकते हैं।
9) इस दिन परिवार के बाकी लोगों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए।