कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि में भाई दूज के पर्व के साथ साथ चित्रगुप्त पूजा और कलम दवात की पूजा भी की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के काया से हुआ था। वे देवताओं के लेखपाल माने जाते हैं, और वे सभी मनुष्यों के पाप पुण्य का हिसाब लिखते हैं। इस दिन व्यापारी नए बही खाते में “श्री” लिखकर अपने काम की शुरुआत करते हैं।
चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त :
इस साल चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत सुबह 7 बजकर 57 मिनट पर होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर होगी। चित्रगुप्त भगवान को देवताओं के लेखपाल के रूप में देखा जाता है, यानि वे सभी के पाप और पुण्य का हिसाब रखते हैं।
कलम किताब पूजा महत्व :
चित्रगुप्त पूजा के साथ साथ कलम दवात और बही खाते की पूजा का बड़ा महत्व होता है। इस दिन कलम किताब की पूजा करने से दैवीय सहायता प्राप्त होने की मान्यता है।
पूजा विधि :
1 इस दिन सवेरे जल्दी उठकर स्नान कर ले और स्वच्छ वस्त्र धारण कर ले।
2) एक आसान ले और उसमें साफ कपड़ा बिछा ले और उसपर गंगाजल का छिड़काव कर ले। इसके बाद अपने सामने आसान पर चित्रगुप्त जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
3) चित्रगुप्त पूजा करते वक्त पूर्व दिशा में मुंह कर के बैठे। मूर्ति के सामने फल, फूल, मिठाई आदि चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
4) पूजा के दौरान अपने साथ एक बही खाता और कलम जरूर रखें।
5) पूजा संपत होने पर प्रसाद सब में बात दे और भगवान सिंगलमय जीवन की प्रार्थना करें।