जमशेदपुर : हिंदुओं में भाई दूज का पर्व का बड़ा महत्व होता है। भाई दूज के दिन सारी बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके लंबे उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं, फिर उनको मिठाई खिलाती हैं। बहनें अपने भाइयों को शगुन के तौर पर नारियल देती हैं और अपने हाथों से बना भोजन अपने भाइयों को खिलाती हैं। इसके पश्चात भाई भी अपने बहनों को कोई खास उपहार देते हैं और सदा उनका ख्याल रखने का वादा करते हैं।
भाई को तिलक लगाने के लिए 3 शुभ मुहूर्त होंगे :
ज्योतिषी के अनुसार, 3 नवंबर को सवेरे सूर्योदय से रात 10:05 बजे तक द्वितीय तिथि उपस्थिति रहेगी। इस दिन सभी शुभ चौघड़िया मुहूर्त टीका करने के लिए अति उत्तम होगा। पहला मुहूर्त सुबह 7:57 से 9:19 तक रहेगा। जब आप अपने भाई को तिलक लगा सकते हैं। दूसरा मुहूर्त 09:20 से 10:41 बजे तक रहेगा। जब आप अपने भाई को तिलक कर सकते हैं। सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12 बजे तक तीसरा शुभ मुहूर्त रहेगा।
बहने ऐसे करे भाई को टीका :
ऐसा माना जाता है कि भैया दूज वाले दिन बहन की अनामिका से अमृत तत्व निकलता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लड़कियां अपने भाइयों को अपने सीधे हाथ की अनामिका उंगली से भाई को तिलक करें। तिलक करते वक्त भाई को अपना मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की मनोकामना करें और तिलक करें और अक्षय लगाएं।
भाई दूज से जुड़ी पौराणिक कथा
भाई दूज को लेकर एक मान्यता है कि इसी दिन यमुना ने अपने भाई यमराज के लिए व्रत रखा था ताकि उनको लंबी उम्र मिले। कथा के अनुसार इसी दिन यमराज ने अपने बहन को दर्शन दिया था। यमुना अपने भाई को देखने के लिए बहुत व्याकुल थी। अपने भाई को देखने के पश्चात वो काफी प्रसन्न हो गई और युवराज की बहुत सेवा की।
इसी से प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि यदि कोई भी भाई बहन इस दिन यमुना नदी में साथ में स्नान करेंगे तो उनको मोक्ष की प्राप्ति होगी। इसी वजह से भाई दूज के दिन भाई बहन का यमुना में साथ स्नान करने का इतना महत्व है। ऐसा माना जाता है कि यमुना ने यम से ये वचन लिया था कि हर भाई दूज वाले दिन भाई को अपने बहन से मिलने उसके घर जाना होगा तभी से भाई दूज का पर्व चला आ रहा है।