जमशेदपुर : इस साल महालया आज यानी 2 अक्टूबर, 2024, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। यह दिन मां दुर्गा के धरती पर आगमन को समर्पित है। ऐसा माना जाता है इन 9 दिनों मां दुर्गा धरती पर ही रहती हैं और सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं।महालया को पितृ पक्ष के अंत का प्रतीक भी माना जाता है। इस वर्ष महालया 2 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। महालया को सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है। सनातन धर्म में इसको काफी महत्व दिया जाता है। बहुत से लोग इस दिन तर्पण भी करते हैं, ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को शांत मिल सके।
महालया का अर्थ
महालया दो शब्दों को मिलाकर बना है, जहां “महा” का अर्थ है निवास वहीं “आलया” का अर्थ है स्थान है। जिसका अर्थ होता है मां दुर्गा का निवास। इस दिन पितरों को विदा कर मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है। इसी दिन मां की मूर्ति की आंखें बनाई जाती हैं और मां दुर्गा की मूर्ति को पूरा किया जाता है। लोग इन 9 दिनों तक उन्हें अपनी बेटी की तरह रखते हैं। इस लिए उनको उनका मन पसंद भोग भी लगाया जाता है।
महालया से जुड़ी मान्यता
महालया दुर्गा पूजा के शुभारंभ को दर्शाता है। यह बोहीबोहर से। ऐसा माना जाता है कि देवी मां कैलाश से अपने मायके यानी धरती की ओर गमन करती हैं। मां दुर्गा पालकी, हाथी , नाव या घोड़े पर सवार होकर आती हैं। माना जाता है कि मां दुर्गा का आगमन जिस वाहन से होता है, वो यह निर्धारित करता है कि उनका आगमन मानवता के लिए सुख समृद्धि लाएगा व्यय विनाश।
महालया पूजा विधि
1) सवेरे जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। अपने आप को शुद्ध कर लें।
2) घर की साफ सफाई करें और भगवान के सिंहासन की भी सफाई कर लें। फिर सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं।
3) घर पर सात्विक भोजन बनाएं और ब्राह्मण भोजन भी करवाएं। इससे आपको आशीर्वाद मिलेगा।
4) इसके बाद अपने पूर्व पुरुषों को उद्देश्य करते हुए तर्पण करें। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलेगी और वे आपको आशीर्वाद देंगे। आपके जीवन में सुख समृद्धि आएगी।
5) इस शुभ अवसर पर पशु – पक्षियों को खाना खिलाएं, आपको इससे पुण्य मिलेगा।
6) सभी अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद दिन दुखियों में दान करे।
7) इस दिन अपनी गलतियों की क्षमायाचना कर, विधि अनुसार मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।