जमशेदपुर : ईपीएस-95 (कर्मचारी पेंशन योजना) के वृद्ध पेंशनरों की लंबे समय से लंबित मांगों के निवारण के लिए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को एक पत्र भेजा गया है। पत्र क्रमांक ईपीएस 95/एनएसी/आंदोलन/2709 के तहत राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने वृद्ध पेंशनभोगियों की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। समिति पिछले आठ वर्षों से इस मामले में सक्रिय है, परंतु अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
समिति की प्रमुख मांग
– न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए और उस पर महंगाई भत्ता भी दिया जाए।
– पति-पत्नी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
– सभी पेंशनभोगियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उच्च पेंशन का लाभ दिया जाए।
– ईपीएस-95 के बंचित पेंशनरों को 5,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाए।
समिति का कहना है कि देशभर के करीब 78 लाख वृद्ध पेंशनभोगी आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार और ईपीएफओ द्वारा उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। समिति ने इस वर्ष की शुरुआत में कई बार वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात की, जिसमें पेंशन वृद्धि और चिकित्सा सुविधाओं जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
हालांकि, अब तक किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचने के कारण समिति ने चेतावनी दी है कि वृद्ध पेंशनरों को पूरे देश में ईपीएफओ कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, और श्रम मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव रमेश कृष्णमूर्ति को भी भेजी गई है।