नई दिल्ली, 26 सितंबर: भारत में Mpox (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) के clade 1b का पहला मामला सामने आया है। यह मामला केरल के एक 38 वर्षीय व्यक्ति का है, जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटा है। इस नए मामले के साथ, भारत अब Mpox clade 1b रिपोर्ट करने वाला तीसरा गैर-अफ्रीकी देश बन गया है।
स्वास्थ्य सचिव ने किया है अपील:
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्र ने सभी राज्यों को इस नए संक्रमण के खिलाफ जागरूकता फैलाने और तत्काल उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि Mpox के लक्षण वाले किसी भी मरीज के त्वचा के घावों के नमूने तुरंत नामित लैब्स में भेजे जाने चाहिए। अगर नमूना सकारात्मक पाया जाता है, तो जीनोम अनुक्रमण के लिए इसे ICMR-NIV भेजा जाएगा। भारत में 36 ICMR-समर्थित लैब्स में मजबूत निदान क्षमताएं मौजूद हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने तीन ICMR-मान्यता प्राप्त व्यावसायिक PCR किटों को मंजूरी भी दी है।
राज्यों का क्या करें ?
चंद्र ने राज्यों से सार्वजनिक स्वास्थ्य की तैयारियों की समीक्षा करने, अस्पतालों में पृथककरण सुविधाओं की पहचान करने, और मानव संसाधनों को प्रशिक्षित करने की सलाह दी है। इसके अलावा, Mpox के बारे में लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है, ताकि समय पर रिपोर्टिंग और रोकथाम संभव हो सके।
WHO ने दी है चेतावनी :
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने 14 अगस्त को Mpox के आई हुई संकट को अंतरराष्ट्रीय चिंता का वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। यह Mpox वायरस का clade 1 है, जो clade 2 से अधिक संक्रामक और गंभीर है। हाल ही में स्वीडन और थाईलैंड में भी clade 1b के मामले देखे गए हैं।
क्या है उम्मीदें ?
इस नए खतरे के बीच, स्वास्थ्य अधिकारियों की उम्मीद है कि जागरूकता और सही कदम उठाने से इस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकेगा। क्या भारत इस चुनौती का सामना कर पाएगा?