नई दिल्ली: नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क 2024 की ओवरऑल कैटेगरी लिस्ट में 7 वें स्थान पर IIT इंस्टिट्यूट हैं। बाकी रैंक दूसरे इंस्टिट्यूट को दिया गया है. IIT में एडमिशन और उसकी पढाई करने का सपना लाखों स्टूडेंट्स का है. अफ़सोस की बात है कि IIT में पढने का ये सपना बहुत बच्चे पूरा नहीं कर पाते. देश की टॉप IIT कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए बच्चों को काफी मुश्किल एंट्रेन्स एक्साम्स देने पड़ते हैं. इन एंट्रेंस एग्जाम के बाद भी इन संस्थानों में एडमिशन की कोई गारंटी नहीं होती. ऐसा इसलिए है क्योंकि IIT में एडमिशन लेने के लिए कम्पटीशन काफी कड़ा है.
IIT के इंस्टिट्यूट को मिली NIRF रैंकिंग में 7 वां स्थान :
स्कूलिंग के दौरान 11वीं कक्षा में जो बच्चे नॉन मेडिकल साइंस का चयन करते हैं, वे सब IIT में एडमिशन का लक्ष्य लेकर कड़ी मेहनत करते हैं. इन बच्चों में अधिकतर के दिमाग में IIT में एडमिशन लेने का लक्ष्य होता है. IIT की खासियत को इस प्रकार भी समझा जा सकता है कि NIRF २०२४ की रैंकिंग में IIT को 7 वां स्थान दिया गया है. 12 वीं पास करते ही बच्चों के मन में एक ही सवाल होता है. IIT कैसे क्रैक करें ? अगर आप भी उन्हीं बच्चों में से एक है तो ये खबर आपके लिए ही है.
भारत में IIT के कॉलेज में एंट्री लेने के लिए उमीदवारों को कुछ एंट्रेंस एग्जाम देने पड़ते हैं. आज हम उन्हीं एंट्रेंस एग्जाम के बारे में बात करेंगे. IIT के कॉलेज में एंट्री 3 लेवल पर होती है -अंडरग्रेजुए, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी.
अंडर ग्रेजुएट लेवल (जेईई मेन्स)-अंडर ग्रेजुएट के लेवल पर 3 एंट्रेंस टेस्ट होते हैं. सबसे पहले होता है JEE MAINS. यह आईआईटी में एडमिशन प्रोसेस का पहला स्टेज होता है, जिसे एनटीए के द्वारा कंडक्ट किया जाता है. JEE MAINS उन सभी बच्चों के लिए आयोजित की जाती है जो 12वीं साइंस स्ट्रीम से कर रहे हों. या फिर फाइनल्स की कगार पर हों. ये परीक्षा केवल IIT के लिए ही नहीं बल्कि NIT, IIIT और CFTI में भी एडमिशन दिलाने में मदद करती है.
JEE ADVANCE -IIT में एडमिशन लेने का ये दूसरा स्टेज है. जेईई मेन्स क्लियर करने वाले उम्मीदवार ही इस परीक्षा में शामिल होते हैं. जेईई एडवांस के लिए कोई भी स्टूडेंट लगातार 2 बार से अधिक प्रयास नहीं कर सकता. JEE (एडवांस्ड) में कुल अंकों के आधार पर रैंक लिस्ट तैयार की जाती है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन और एडवांस्ड) उन छात्रों के लिए है जो बीटेक, बीएस, डुअल डिग्री और आईडीडीडीपी प्रोग्रामों के लिए आवेदन करना चाहते हैं. एक बार जब कोई उम्मीदवार जेईई एडवांस में सफल हो जाता है तो वह आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए योग्य हो जाता है.
UCEED -अंडरग्रेजुएट कॉमन
एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर डिजाइन (UCEED) IIT में बीडीएस कोर्स के लिए आयोजित होती है. इस एंट्रेंस में बैठने के लिए कैंडिडेट को 12वीं में किसी भी स्ट्रीम से पास आउट होना चाहिए. इस साल UCEED का आयोजन 21 जनवरी को किया गया था. एक छात्र ज्यादा से ज्यादा दो बार इस परीक्षा को दे सकता है।
आईये अब जानें कि पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए क्या परीक्षा देनी पड़ती है
GATE-ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग यानि कि GATE, ये परीक्षा भी आईआईटी में एडमिशन के लिए आयोजित होती है. यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्ट, साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज में विभिन्न ग्रेजुएट विषयों की व्यापक समझ का परीक्षण करती है. GATE 2025 के लिए परीक्षा 1 से 16 फरवरी के बीच आयोजित की जाएगी और इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस चल रहा है. उमीदवार ऑफिशियल वेबसाइट gate2025.iitr.ac.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। वर्तमान में किसी भी ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम के तीसरे साल में पढ़ रहे उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं.
JAM-जॉइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स यानि कि JAM के लिए भी रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. 11 अक्तूबर तक इस परीक्षा के लिए आवेदन किया जा सकता है. यह परीक्षा भी आईआईटी में दाखिले की राह खोलती है. JAM वह तरीका है जिसके माध्यम से छात्र IIT, IISc और अन्य सहयोगी संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न साइंस और टेक्नोलॉजी के विषयों में MSc और मेनस्ट्रीम PhD कार्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकता है.
CEED-कॉमन एंट्रेंस एग्जाम फॉर डिजाइन (CEED) उन छात्रों के लिए है जो IIT में MDes, PhD प्रोग्राम जैसे कोर्स के लिए आवेदन करना चाहते हैं. परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए अंक एक वर्ष के लिए वैध होते हैं. इस एग्जाम के लिए वही उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. जो कम से कम तीन साल का डिग्री, डिप्लोमा, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम कर चुके हो या फिर फाइनल ईयर में हो. साथ ही GD आर्ट्स डिप्लोमा प्रोग्राम पास किया हो.
आइए जानें कि आप पीएचडी में प्रवेश कैसे ले सकते हैं:
आईआईटी में पीएचडी कोर्सेस के लिए क्राईटेरिया और पात्रता अलग-अलग हैं. छात्रों से अनुरोध है कि वे पाठ्यक्रम, पात्रता और परीक्षा पैटर्न के बारे में विस्तार से जानने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करें.
अब सवाल ये है कि आईआईटी की पढ़ाई के बाद कितनी मिलती है सैलरी?
आईआईटी की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद कैंडिडेट्स को प्लेसमेंट दिया जाता है और पहली ही नौकरी में उम्मीदवारों को लाखों की सैलरी ऑफर होती है. एक IIT डिग्री होल्डर के अनुसार, आईआईटी से निकलने वाले नए इंजीनियरों को आम तौर पर 6 लाख रुपये से लेकर 35 लाख रुपये सालाना तक का पैकेज ऑफर होता है. हालांकि, कंप्यूटर साइंस (CSE) और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE) वालों को ज्यादा सैलरी पैकेज वाली जॉब मिल जाती है. बाकी के लिए औसत सैलरी 10-12 लाख रुपए साल की होती है. यानि कि महीने का करीब 1 लाख रुपया।