नई दिल्ली: ऐसा कहा जाता है कि हम जैसा खाते हैं वैसा ही सोचते हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमारे लाइफस्टाइल का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. लोगों को अक्सर लगता है कि जो खाना हम खाते हैं उसका असर सिर्फ शरीर पर ही पड़ता है, मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. आपको बता दें कि कई ऐसे लोग हैं जो आजकल प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से परेशान हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एक दिमागी समस्या है, इसमें मूड बार-बार स्विंग होता है. इसके साथ ही इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि हमारा खान-पान. इसलिए हमें हेल्दी डाइट जरुर लेना चाहिए. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है.
मूड स्विंग होने पर डाइट कैसी होनी चाहिए ?
पालक
मूड स्विंग होने पर पालक को अपनी डाइट में शामिल करना फायदेमंद साबित हो कसता है. पालक में विटामिन, खनिज और मिनरल्स पाए जाते है. आपके शरीर में अगर खून की कमी है तो आपको पालक जरुर खाना चाहिए. इसमें भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद होता है. इसके साथ ही पालक शरीर में एंटी डिप्रेसेंट का काम भी करती है. वहीं इसमें मैग्नीन्शियम की मात्रा भी उच्च होती है.
फर्मेंटेड फूड्स
बार-बार अगर आप मूड स्विंग होने की समस्या से परेशान हैं तो आपको अपनी डाइट में फर्मेंटेड फूड्स को जरुर शामिल करना चाहिए. दही, कीवी, किमची या कांची जैसे खाद्य पदार्थ फर्मेंटेड फूड्स में आते है. आपको बता दें कि ये सभी फूड्स प्रोबायोटिक्स भी हैं. इसके साथ ही ये गाउट की समस्या में बहुत अधिक प्रभावी होते हैं. वहीं इसके सेवन से आपका मूड बेहतर रहता है.
प्रोटीन
हेल्थ एक्सपर्ट्स किसी बिमारी या कमजोरी से निपटने के लिए प्रोटीन की मात्रा शरीर में बढ़ाने की सलाह देते है. अमीनो एसिड प्रोटीन में एक प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है. इसके साथ ही आपके मूड को यह स्टेबल रखता है.
एंटीऑक्सीडेंट
हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत अधिक उपयोगी होते हैं. आपको अगर एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ानी है तो शहतूत, ब्लूबेरी या फिर स्ट्रॉबेरी को आपको अपनी डाइट में जरुर शामिल करना चाहिए.