नई दिल्ली: आईआईटी बॉम्बे ने मंगलवार, 3 सितंबर को घोषणा की कि 2023-24 के शैक्षणिक वर्ष के कैंपस प्लेसमेंट में लगभग 75 प्रतिशत छात्रों को नौकरी मिल गई है। जो संस्थान की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, इस सफलता के बावजूद, एक ताजा विश्लेषण के अनुसार, आईआईटी ग्रेजुएट्स की एक बड़ी संख्या अभी भी बेरोजगार है। आईआईटी के शानदार प्लेसमेंट आंकड़े अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार कुछ छात्रों को आईआईटी से ग्रेजुएशन के बाद 4 लाख रुपये का पैकेज मिलने की खबरें भी आई हैं। इसके साथ ही, हजारों ग्रेजुएट्स को कैंपस प्लेसमेंट सीजन के बाद भी नौकरी नहीं मिली, जिससे बेरोजगारी की एक गंभीर समस्या सामने आई है।
IIT से पढ़कर मिली 30,000 की सैलरी
रिपोर्ट्स के अनुसार ,आईआईटी बॉम्बे का 2023-24 के कैंपस प्लेसमेंट सीजन में न्यूनतम पैकेज 4 लाख रुपये पर आ गया है इससे छात्रों को प्रति माह 30,000 से 33,000 रुपये की इन-हैंड सैलरी मिल रही है। हालांकि, इस उच्च शिक्षा संस्थान से ग्रेजुएट होने के बावजूद, 8,000 छात्रों को इस स्तर की नौकरी प्राप्त नहीं हो पाई है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि आईआईटी के प्लेसमेंट आंकड़े वास्तविकता को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करते, और कई ग्रेजुएट्स को अपेक्षित अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
बेरोजगारों की संख्या 3 गुना बढ़ी
हालिया विश्लेषण के अनुसार, 2024 में आईआईटी के कई छात्रों को नौकरी नहीं मिली है। आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और प्लेसमेंट मेंटर धीरज सिंह ने लिंक्डइन पर तीन वर्षों के डेटा का विश्लेषण साझा किया है। इसके अनुसार, इस साल बिना प्लेसमेंट वाले छात्रों की संख्या 2023 की तुलना में लगभग तीन गुना बढ़ गई है, जिससे आईआईटी के कैंपस प्लेसमेंट पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।