नई दिल्ली: चंद्र ग्रहण अनेकों खगोलीय घटनाओं में से एक है, जिसमें लोगों को काफी दिलचस्पी होती है। जल्द ही एक चंद्र ग्रहण हमें इसी महीने में देखने को मिलेगा। इस साल 17-18 सितंबर को आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा।
किस किस जगह देखा जाएगा यह भगोलिय दृश्य?
इस बार चंद्र ग्रहण अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक, अंटार्कटिका और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा।
कब लगता है चंद्र ग्रहण, क्या है वो विशेष कारण?
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब ये भगोलीय दृश्य देखने को मिलता है। जिसे हम सब चंद्र ग्रहण के नाम से जानते हैं। इससे चंद्रमा की सतह पर एक छाया पड़ती है। ये ग्रहण सिर्फ पूर्णिमा के दौरान ही घट सकती है। जिसके कारण चांद और भी सुंदर लगता है।
इसके कितने प्रकार होते हैं ?
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। इसका प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की स्तिथि किस प्रकार है।
पूर्ण चंद्र ग्रहण कब होता है?
पूर्ण चंद्र ग्रहण तब देखने को मिलता है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूर्ण रूप से ढक दे। इस दौरान चंद्रमा का रंग अलग नज़र आता है।
आंशिक चंद्र ग्रहण कब होता है?
जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के केवल एक हिस्से को ढकता है तब उसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस दौरान चंद्रमा कटा हुआ नज़र आता है।
उपछाया चंद्र ग्रहण कब होता है?
जब पृथ्वी की बाहरी सतह की छाया चंद्रमा के सतह पर पड़ती है, तब ये ग्रहण नज़र आता है। ये बाकी दोनों ग्रहणों की तरह नाटकीय दृश्य नहीं होता, इसे देख पाना मुश्किल होता है।