नई दिल्ली: आजकल लोग सोने से पहले फ़ोन का इस्तेमाल करते हैं। 5 मिनट सोचते-सोचते कब घंटो बीत जाते हैं। पता ही नहीं चलता। फ़ोन स्क्रॉल करते-करते समय का पता ही नहीं चलता। अक्सर आप देखेंगे लोग फ़ोन स्क्रॉल करते-करते तकिये के बगल में फ़ोन रखकर सो जाते हैं।
तकिये के बगल में फ़ोन रखकर सोने से आपको काफी सारे सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप भी इस आदत के शिकार हैं तो आज ही इस आदत को बदल दीजिए. इससे आपको बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं। कुछ लोगों की आदत तो ऐसी भी होती है कि अगर रात में नींद खुल जाए तो भी उठकर फ़ोन चलाने लगते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वो अलार्म के कारण फोन सामने रखकर सो जाते हैं। आईए जानें कि ऐसा करने से हमारे दिमाग पर क्या असर पड़ सकता है।
क्या स्मार्टफोन इतने हानिकारक हैं ?
स्मार्टफोंस से निकलने वाली रेडिएशन आपकी सेहत के लिए बहोत हानिकाराक है। मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जुड़ा हुआ है। मोबाइल फोन से जो नीली रोशनी निकलती है, उसके कारण नींद और कई सार हार्मोनल चेंजेज हो सकते हैं.
स्मार्टफोंस से जुड़ी हैं बहुत सी समस्याएं
स्मार्ट फोंस के कारण सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इससे सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द हो सकती है
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार फोन से निकलने वाली रेडिएशन से दिमाग पर गंभीर असर पड़ता है। इससे कैंसर होने का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से सिर दर्द, चिडचिडापन और आंखों में दर्द होती है।
मोबाइल कितनी दूर रखकर सोएं ?
स्मार्ट फोन से हानिकारक रेडिएशन निकलती हैं जो सेहत के लिए अच्छी नहीं हैं। कोशिश करें कि सोते वक़्त मोबाइल से दूर रहें। इससे निकलने वाली रेडिएशन आपके ओवरआल हेल्थ के लिए बहुत ख़राब साबित हो सकती है। इसका सीधा असर आपकी आखों पर पड़ता है और आप हेल्थ से जुड़़ी काफी परेशानियों का सामना कर सकते हैं।
मोबाइल से छुटकारा कैसे पाएं ?
घर में कुछ जगहें मोबाइल युक्त रखें। घर में कुछ जगहें जैसे कि खाने की टेबल और सोने का कमरा मोबाइल से मुक्त रखें। इससे बच्चे उन जगहों पर मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हर हफ्ते एक दिन तय करें जब सभी मोबाइल और टीवी बंद रखें। इससे न सिर्फ बच्चे मोबाइल से दूर रहेंगे बल्कि आप सब को साथ में समय बिताने का भी मौका मिलेगा। इससे आपको फैमिली टाइम भी मिलेगा। साथ ही आप अपने सोशल लाइफ का भी आनंद उठा सकेंगे। इस आदत से बच्चों को भी अच्छा ब्रेक मिलेगा।