नई दिल्ली: इन दिनों लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम की चर्चा पूरे विश्वभर में है। यह टेलीग्राम यूजर्स को सुरक्षित तरीके से मैसेज भेजने की सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ ही टेलीग्राम ग्रुप चैट, चैनल और मीडिया शेयरिंग के साथ-साथ बॉट्स की सुविधा भी प्रदान करता है। वहीं टेलीग्राम में एंड टू एंड एन्क्रिप्शन उपलब्ध है, जिससे यूजर्स की प्राइवेसी बनी रहती है। इसके साथ ही इस ऐप में क्लाउड बेस्ड स्टोरेज भी है, जिससे किसी भी डिवाइस से डाटा एक्सेस किया जा सकता है।
लीक हुआ था यूजीसी नेट का पेपर
टेलीग्राम का इन दिनों इस लिए चर्चा में है क्योंकि टेलीग्राम पर आरोप है कि इस ऐप का इस्तेमाल गलत सूचनाओं, अवैध सूचनाओं और चरमपंथी समूहों के द्वारा कम्युनिकेशन के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही टेलीग्राम पर ये भी आरोप हैं कि इस ऐप के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ड्रग की तस्करी भी की जाती है। आरोप के मद्देनजर हाल ही में टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ पावेल ड्यूरोव को फ्रांस में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन पावेल फिलहाल फ्रांस से बाहर नहीं जा सकते हैं। फ्रांस, इजराइल और भारत समेत दुनिया के कई देश टेलीग्राम की जांच कर रहे हैं। भारत के शिक्षा मंत्री का कहना है कि UGC-NET का पेपर टेलीग्राम ऐप पर लीक हुआ था। इसके बाद इस परीक्षा को शिक्षा मंत्रालय ने कैंसल कर दिया था। वहीं सरकारें और कानून प्रवर्तन एजेंसियां इसे मॉनिटर करने में कठिनाई का सामना कर रही हैं। इससे सुरक्षा संबंधी चिंता बढ़ी है।
कौन है टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ, कैसे बने दूसरे जकरबर्ग
टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ पावेल ड्यूरोव हैं, जिन्हें उनकी कम उम्र में हासिल की गई सफलता के कारण “दूसरा ज़करबर्ग” कहा जाता है। पावेल का जन्म 10 अक्टूबर 1984 को रूस में हुआ था। उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और 22 साल की उम्र में उन्होंने वीके (वकांटाक्ते) नामक सोशल नेटवर्किंग साइट की स्थापना की, जिसे रूस का फेसबुक कहा जाता है।
वीके की सफलता के बाद, पावेल ने 2013 में टेलीग्राम की शुरुआत की, जो एक सुरक्षित और गोपनीय मैसेजिंग ऐप है। टेलीग्राम की सुरक्षा और प्राइवेसी पर विशेष ध्यान देने के कारण यह दुनियाभर में तेजी से लोकप्रिय हो गया। उन्होंने टेलीग्राम में एन्क्रिप्शन की मजबूत तकनीक को शामिल किया, जिससे यूजर्स के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
पावेल में है नवाचार की क्षमता
पावेल ड्यूरोव की तकनीकी दृष्टि और नवाचार की क्षमता ने उन्हें कम उम्र में ही विश्वभर में पहचान दिलाई। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और साहस से साबित किया कि सीमित संसाधनों और कम उम्र में भी असाधारण सफलता हासिल की जा सकती है। उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो दिखाती है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
पावेल के पास 2 देशों की नागरिकता, लेकिन अब UAE उनका घर
टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ पावेल ड्यूरोव के पास दो देशों की नागरिकता है: रूस और फ्रांस। उन्होंने 2014 में रूस छोड़ दिया और अब यूएई (दुबई) को अपना घर बना लिया है। पावेल ने दुबई में रहने का विकल्प चुना क्योंकि यह उन्हें स्वतंत्रता और गोपनीयता प्रदान करता है, जो उनके जीवन और काम के लिए महत्वपूर्ण है। पावेल ने अपनी तकनीकी कंपनियों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर वातावरण की आवश्यकता को देखते हुए, यूएई को अपने निवास के लिए आदर्श स्थान माना।
इजराइल के दबाव में पावेल को किया गया था गिरफ्तार
फ्रांस में पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी को इजराइल के दबाव का नतीजा माना जा रहा है। पावेल को प्राइवेट जेट यात्रा के दौरान गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी एक महिला के इंस्टाग्राम लोकेशन के आधार पर की गई, जो उनके साथ उस समय यात्रा कर रही थी।
इस गिरफ्तारी की मुख्य वजह टेलीग्राम पर मौजूद वह वीडियो बताया जा रहा है, जिसमें इजराइल द्वारा फिलिस्तीन पर किए जा रहे बर्बरता के दृश्य दिखाए गए थे। इजराइल ने इस वीडियो को लेकर आपत्ति जताई थी, क्योंकि यह उनकी नीतियों की आलोचना और फिलिस्तीनी जनता के प्रति उनके रवैये को उजागर करता है।
ऐसा कहा जाता है कि टेलीग्राम स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थक है। इजराइल ने फ्रांस पर दबाव डाला कि वह पावेल को गिरफ्तार करे, जिससे यह साफ होता है कि इस गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक कारण थे। यह मामला उन चुनौतियों को उजागर करता है, जिनका सामना स्वतंत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को करना पड़ता है, खासकर जब वे शक्तिशाली देशों के खिलाफ आवाज उठाते हैं।
UAE के दबाव में आ कर फंसा फ्रांस, छोड़ना पड़ा पावेल को
जब फ्रांस ने इजराइल के दबाव में पावेल ड्यूरोव को गिरफ्तार किया, तो यूएई ने तुरंत हस्तक्षेप किया। चूंकी पावेल यूएई में रहते हैं और वहां की सरकार के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। यूएई ने पावेल की गिरफ्तारी को अनुचित और अस्वीकार्य माना, और उनकी रिहाई के लिए फ्रांस पर दबाव डालना शुरू किया।
यूएई ने फ्रांस को कड़ा संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने पावेल के लिए तुरंत कानूनी सहायता प्रदान करने और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की। इसके साथ ही, यूएई ने रफाल लड़ाकू विमान सौदे को रद्द करने की धमकी भी दी, जो दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण रक्षा समझौता था। यह सौदा फ्रांस के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण था, और यूएई ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। बता दें कि यूएई ने 20 बिलियन डॉलर में 80 राफेल खरदीने की डील की थी, जिसकी पहली खेप 2027 में मिलने की उम्मीद है। यूएई के इस कड़े रुख ने फ्रांस को पावेल की रिहाई पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया। फ्रांस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पावेल को रिहा कर दिया। इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि यूएई अपने नागरिकों और निवासियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। बता दें कि यूएई में टेलीग्राम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
कितने अरब संपत्ति के मालिक हैं पावेल ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पावेल की कुल संपत्ति 15.5 बिलियन डॉलर है। पावेल की यह संपत्ति मुख्य रूप से सोशल नेटवर्किंग और मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म में उनके उपक्रमों से आती है। इसके साथ ही पावेल की शैक्षणिक पृष्ठभूमि बहुत ही मजबूत है। 2006 में पावेल ने भाषा शास्त्र में सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी में स्नातक किया है।
पूरी दुनिया में टेलीग्राम कितना पॉपुलर ?
टेलीग्राम की लोकप्रियता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है किटेलीग्राम ने अपने लॉन्च वर्ष में 1 लाख दैनिक सक्रिय सदस्य जोड़े थे। वहीं आज टेलीग्राम के पूरे विश्व भर में 900 मिलियन से ज्यादा मासिक सक्रिय यूजर्स है। अगर हम सिर्फ भारत की बात करें तो भारत में टेलीग्राम के 50 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स है। उक्त आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स में बताए गए हैं।