नई दिल्ली: डॉक्टर्स का कहना है कि काजल में पाए जाने वाले खतरनाक मेटल्स आखों के कॉर्निया को डैमेज कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और नीति आयोग की रिपोर्ट का कहना है कि भारत में काजल के साथ अन्य आई कॉस्मेटिक्स में शीशे की तरह कण होते हैं। जिसकी मात्रा इनमें 70 प्रतिशत तक होती है.
काजल की वजह से कैसे होती है जलन और इन्फेक्शन
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन भर काजल लगाने से कोई समस्या नहीं होती है. लोगों के काजल लगाने पर निर्भर करता है. काजल अगर आंखों के वॉटरलाइन के अंदर पहुंच जाता है तो इससे आंखों में जलन और इन्फेक्शन हो सकती है. इसके साथ ही इससे कॉर्नियल अल्सर भी हो सकता है. कॉर्नियल अल्सर एक प्रकार का घाव होता है. यह घाव कॉर्निया पर होता है. इसके साथ ही लंबे समय तक काजल लगाने से पलकों पर सुजन या आंखों में डार्क सर्कल भी हो सकता है.
काजल खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
आजकल बाजार में कई तरह के काजल मिलते है. पेंसिल, जेल, लिक्विड और पाउडर समेत कई तरह के काजल मिलाते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि नकली और खराब क्वालिटी का काजल लगाने से आंखों में गंभीर समस्या हो सकती है. इसलिए काजल सोच-समझ कर ही खरीदे.
काजल लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
-अपने हाथों को काजल लगाते समय साफ रखें. गंदे हाथों से काजल लगाने पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन की सम्भावना रहती है.
-काजल हमेशा पलकों के बाहरी हिस्से पर ही लगाएं. इसके साथ ही आंखों की वॉटरलाइन के अंदर काजल न लगाएं.
-अपने आई मेकअप प्रोडक्ट्स को किसी के साथ शेयर न करें. इसके साथ ही रात को सोने से पहले काजल हटा लें.