मध्य प्रदेश के कॉलेजों में RSS की किताबों की एंट्री! कांग्रेस का विरोध तेज, जानें पूरा मामला
भोपाल: मध्य प्रदेश के कॉलेजों में नई किताबों की खरीद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इन किताबों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के लिए खरीदी जा रही हैं और ये पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगी, बल्कि लाइब्रेरी में रखी जाएंगी। विवाद की वजह ये है कि इनमें से कुछ किताबें आरएसएस नेताओं द्वारा लिखी गई हैं।
मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस को हमेशा आरएसएस के नाम से ही समस्या होती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वामपंथी इतिहासकारों के साथ मिलकर अपने हिसाब से शिक्षा दी, जबकि नई शिक्षा नीति के तहत हमारी सरकार भारतीय परंपरा को पढ़ाने का प्रयास कर रही है।
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारी डॉ. धीरेंद्र शुक्ला ने निजी और सरकारी सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को 88 किताबों का सेट खरीदने का निर्देश दिया है। इनमें प्रमुख आरएसएस नेताओं जैसे सुरेश सोनी, दीनानाथ बत्रा, डी अतुल कोठारी, देवेन्द्र राव देशमुख, और संदीप वासलेकर की किताबें शामिल हैं। सभी लेखक विद्या भारती से जुड़े हुए हैं।
इस सूची में विशेष विवाद दीनानाथ बत्रा की 14 किताबों को लेकर है, जिन्होंने पहले भी 11वीं कक्षा की हिंदी किताब से क्रांतिकारी पंजाबी कवि ‘पाश’ की कविता को हटाने की मांग की थी। विभाग ने कॉलेजों को इन किताबों की जल्द से जल्द खरीदारी करने का निर्देश दिया है।