यूपी के स्कूलों में अब छात्रों को मुर्गा नहीं बना सकेंगे टीचर, जानें क्या है नई सजा नीति
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा विभाग ने छात्रों को सजा देने के नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत, शिक्षक अब किसी भी छात्र को शारीरिक दंड के तौर पर क्ष चिकोटी काटना, चांटा मारना, या मुर्गा बनाने की सजा नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा, मानसिक दंड जैसे कि फटकार लगाना और परिसर में दौड़ाना भी निषिद्ध होगा। इस निर्णय से छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। किसी भी शिक्षक द्वारा इन नियमों का उल्लंघन किए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मानसिक दंड और क्लासरूम में अकेले बंद करने पर प्रतिबंध
शिक्षा विभाग ने नए सत्र से लागू होने वाले नियमों के तहत आदेश जारी किए हैं कि कोई शिक्षक किसी छात्र को सजा के रूप में क्लासरूम में अकेले बंद नहीं कर सकता। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को निर्देश दिया है कि शारीरिक और मानसिक दंड से छात्रों को दूर रखा जाए। नए नियमों के तहत, हर स्कूल में एक फ़ोरम स्थापित किया जाएगा यहां छात्र अपनी समस्याएं साझा कर सकें। इसके अलावा, स्कूलों में कंप्लेंट बॉक्स स्थापित किया जाएगा। ताकि बच्चे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें। पेरेंट्स-टीचर मीटिंग भी नियमित रूप से आयोजित की जाएगी। ताकि बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद सुनिश्चित किया जा सके।
स्कूली छात्रों के लिए शिकायत की सुविधा, टोल-फ्री नंबर जारी
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए टोल-फ्री नंबर 1800 893277 पर किसी भी समय शिकायत की जा सकती है। इस नंबर को विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया गया है। ताकि शिकायतों और सुझावों की नियमित निगरानी की जा सके।
इसके अतिरिक्त, वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को निर्देशित किया है कि भोजन, खेल के मैदान, पेयजल और प्रसाधन सुविधाओं में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त किया जाए। शिक्षकों को बच्चों के अधिकारों से परिचित कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर विद्यालय को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षक-अभिभावक समिति की बैठक में इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की जाए।