जानें कौन मंत्री कहां करेगा झंडारोहण, 15 अगस्त व 26 जनवरी कैसे अलग है तिरंगा फहराने का तरीका
रांची : प्रदेश में 15 अगस्त की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। रांची, धनबाद और जमशेदपुर समेत प्रदेश के विभिन्न शहरों में तिरंगा फहराया जाएगा। सभी जिलों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। सरकार ने भी घोषणा कर दी है कि कौन मंत्री कहां तिरंगा फहराएगा। इस खबर में हम इस बारे में जानेंगे कि सरकार का कौन सा मंत्री किस जिले में झंडारोहण करेगा। साथ ही यह जानेंगे कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा फहराने का क्या तरीका है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को होने वाले कार्यक्रम में क्या फर्क है।
-मंत्री चंपई सोरेन- सरायकेला-खरसावां
-मंत्री रामेश्वर उरांव- लोहरदगा
-मंत्री सत्यानंद भोक्ता- चतरा
-मंत्री बैद्यनाथ राम- लातेहार
-मंत्री दीपक बिरुआ-पश्चिमी सिंहभूम
– मंत्री बन्ना गुप्ता- पूर्वी सिंहभूम
– मंत्री इरफान अंसारी- जामताड़ा
– मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर- गढ़वा
– मंत्री हफीजुल हसन- देवघर
– मंत्री बेबी देवी- बोकारो
– दीपिका पांडेय सिंह-गोड्डा
ध्वजारोहण और झंडा फहराने में फर्क
तिरंगे का ध्वजारोहण और झंडा फहराने में फर्क है। ध्वजारोहण कार्यक्रम में झंडे को पोल पर डोरी के सहारे नीचे से ऊपर खींचा जाता है। तिरंगा झंडा पोल पर ऊपर जाता है। तब ऊपर जाकर तिरंगा लहराता है। इसे ध्वजारोहण या झंडारोहण कहते हैं। जबकि, तिरंगा जब फहराया जाता है तो यह पोल पर ऊपर बंधा रहता है। तिरंगा फहराने वाला अतिथि डोरी खींचता है तो तिरंगा खुल जाता है और इस तरह तिरंगा फहराया जाता है। तिरंगे में फूलों की पंखुड़ियां बांध दी जाती हैं। जब तिरंगा फहराया जाता है तो यह फूलों की वर्षा के साथ कार्यक्रम संपन्न होता है।
15 अगस्त व 26 जनवरी को क्या है तरीका
15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के दिन को ध्वजारोहण या झंडारोहण किया जाता है। क्योंकि, देश को आजादी मिलने के बाद पहले प्रधानमंत्री पंडिल जवाहर लाल नेहरू ने 15 अगस्त को पोल पर लगे अंग्रेजों के झंडे को नीचे उतारा था और इसके बाद पोल में लगा कर भारत के तिरंगे झंडे को ऊपर चढ़ाया गया था। तब झंडा लहराया गया था। इसीलिए, 15 अगस्त को झंडारोहण किया जाता है। यह कार्यक्रम लाल किले में आयोजित होता है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री झंडारोहण करते हैं। जबकि, गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को राष्ट्रपति भवन के पास राजपथ पर आयोजित होता है। गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा झंडा पोल पर ऊपर ही बंधा होता है। अतिथि इसकी डोरी खींच कर इसे फहरा देता है।
प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति कब कौन सेंटर प्वाइंट
स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त को झंडारोहण कार्यक्रम दिल्ली में लाल किला में होता है। यहां लालकिले के प्राचीर से झंडारोहण किया जाता है। इस कार्यक्रम के केंद्र बिंदु प्रधानमंत्री होते हैं। गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है। राष्ट्रपति भवन के पास राजपथ पर होने वाले इस कार्यक्रम के सेंटर प्वाइंट राष्ट्रपति होते हैं।
आम आदमी भी फहरा सकता है तिरंगा
भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने घर या प्रतिष्ठान पर झंडा फहरा सकता है। मगर, उसे नियमों का पालन करना होगा। सूर्यास्त के बाद झंडा फहराने पर रोक है। ऐसा करने पर कार्रवाई की जा सकती है। तिरंगा ऐसे फहराना है कि उसका सम्मान कायम रहे।
लाल किले पर क्यों फहराते हैं तिरंगा
दिल्ली का लाल किला भारत की ताकत का प्रतीक समझा जाता है। इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था। 1638 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। 1648 में लाल किला बन कर तैयार हो गया था। 1803 में जब अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा किया था तब उन्होंने लाल किले पर कब्जे के लिए आक्रमण किया था। 1857 में जब अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहला स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ तो मुगल बादशाह बहादुर जफर ने लाल किले से ही सेनाओं का नेतृत्व किया था। इसी वजह से लाल किले से झंडा फहराया जाता है।