लखनऊ यूनिवर्सिटी में नियुक्ति विवाद, जानिए शिक्षिका पर क्यों लगा EWS कोटे का गलत फायदा उठाने का आरोप
लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) में एक शिक्षिका की नियुक्ति को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया कि शिक्षिका डॉ. किरन सिंह की नियुक्ति रद्द की जाएगी।
डॉ. किरन सिंह ने लॉ फैकल्टी के लिए आवेदन किया था और चयन समिति ने सभी प्रक्रियाओं के बाद उनका चयन किया था। नियुक्ति के बाद, विश्वविद्यालय के वीसी के पास शिकायत आई कि डॉ. किरन ने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे का गलत फायदा उठाया है। मामले की जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके चलते उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई है।
एक अन्य प्रोफेसर को भी जिम्मेदारी नहीं देने का फैसला
विश्वविद्यालय ने एक अन्य प्रोफेसर को भी कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न देने का निर्णय लिया है। कार्य परिषद की बैठक में इन फैसलों के अलावा भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
ओबीसी से EWS कोटे में आवेदन करने वाली शिक्षिका की नियुक्ति रद्द
डॉ. किरन सिंह ओबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) कैटेगरी की हैं, उन्होंने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे से नौकरी के लिए आवेदन किया था। पिछली पढ़ाई के दौरान उन्होंने ओबीसी कोटे का लाभ उठाया था, जिससे वह ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आवेदन करने की पात्र नहीं थीं।
इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी पूरी जांच के बाद रिपोर्ट कार्य परिषद के समक्ष प्रस्तुत की। रिपोर्ट में पुष्टि की गई कि डॉ. किरन सिंह पर लगाए गए आरोप सही हैं। जिसके बाद कार्य परिषद ने उनकी नियुक्ति रद्द करने का निर्णय लिया है।
कार्य परिषद में एक महिला प्रोफेसर के मामले पर भी चर्चा हुई। प्रोफेसर पर अनियमितता के आरोप लगे थे, जिनकी जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए, जिसके चलते कार्य परिषद ने निर्णय लिया कि प्रोफेसर को फिलहाल यूनिवर्सिटी में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।