संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों के उल्लंघन के आरोप में दोषी पाया है। पूजा, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 841वीं रैंक प्राप्त की थी, को IAS के पद के लिए चयनित किया गया था और ट्रेनिंग के लिए पुणे भेजा गया था। लेकिन अब उनका चयन रद्द कर दिया गया है। आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी।
पूजा खेडकर पर लगे आरोप
- उम्र और माता-पिता की गलत जानकारी: पूजा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी उम्र और माता-पिता की जानकारी में हेरफेर किया था।
- अधिक बार परीक्षा देने का आरोप: UPSC ने पूजा पर तय सीमा से अधिक बार सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने का आरोप भी लगाया है।
- गैर कानूनी गतिविधियाँ: पूजा ने पुणे में ट्रेनिंग के दौरान अपने लिए वाहन की मांग की और अपनी ऑडी गाड़ी में नीली बत्ती लगा ली। उन्होंने एक अन्य अधिकारी के दफ्तर पर कब्जा कर लिया और वहां अपना बोर्ड लगा दिया।
जांच और कार्रवाई
UPSC ने मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई और पाया कि पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया है। इस निष्कर्ष पर पहुँचते ही उनकी चयनिता को रद्द कर दिया गया। इसके साथ ही, UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक बार रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की भी जांच की।
धोखाधड़ी के प्रमाण
पूजा ने अपने नाम और माता-पिता के नाम को बदलकर कई बार परीक्षा दी थी। इसके अलावा, उन्होंने फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए थे। उनके पास से कई विकलांगता प्रमाणपत्र भी मिले हैं, जिनमें से कुछ प्रमाणपत्र अहमदनगर के अस्पताल से 2018 और 2021 में बनवाए गए थे। इन दोनों को UPSC को सौंपा गया था।
प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशा
UPSC ने पूजा को दो बार समय दिया था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। 18 जुलाई को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके बावजूद उन्होंने 4 अगस्त तक दस्तावेज जुटाने का समय मांगा। आयोग ने उन्हें 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया था, लेकिन उन्होंने इस अवसर का जवाब नहीं दिया।
UPSC अब अपनी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
पूजा खेडकर का मामला UPSC के लिए एक महत्वपूर्ण सिखावनी है। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आयोग नियमों के उल्लंघन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए UPSC को और अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।