लिपस्टिक लगाने वालीं औरतें होती हैं चुड़ैल, करती हैं जादू-टोना.. इसलिए बैन कर दी गई थी यह प्रोडक्ट!
महिलाओं के मेकअप किट में हमेशा अहम स्थान रखने वाली लिपस्टिक देखने में कितनी भी रंगीन लगती हो,लेकिन उसका इतिहास बहुत ही डार्क और कई शॉकिंग फैक्ट्स से भरा पड़ा है। कंट्रोवर्सियल प्रोडक्ट रहा यह लिपस्टिक आज कैसे फैशन स्टेटमेंट बना है, पेश है लिपस्टिक डे पर यह एक स्पेशल रिपोर्ट…
5000 साल पुराना है लिपस्टिक का इतिहास
वैसे तो लिपस्टिक का जिक्र हिंदू ग्रंथ के ऋृग्वेद में भी पाया जाता है। रामायण और महाभारत के जमाने से महिलाएं इसका इस्तेमाल करती आई हैं। कामसूत्र में भी लिपस्टिक के बनने और इसके इस्तेमाल का जिक्र है। वहीं सिंधु घाटी सभ्यता में महिलाएं गेरू के आयतकार टुकड़ों को लिपस्टिक का इस्तेमाल किया करती थीं। वेस्टर्न हिस्ट्री देखें, तो 5000 साल पुराने सुमेरियन कम्यूनिटी की महिलाओं ने लिपस्टिक को इंट्रोड्यूज किया था, जहां महिलाएं रत्नों को पीसकर और फूलों के रंगों का इस्तेमाल कर होंठों को रंगा करती थीं। यहां तक कि इतिहास में इस बात का भी जिक्र है कि लिपस्टिक अपने अस्तित्व में आने के बाद काफी समय तक जेंडर फ्री थी, मसलन इसका इस्तेमाल महिला और पुरुष दोनों किया करते थे।
चुड़ैल व जादू-टोना करने वालीं लगाती है लिपस्टिक!
डार्क ऐज(5 से 15वीं सदी) में लिपस्टिक और धर्म के बीच भी जबरदस्त टकराव देखने को मिला था। यहां चर्च में लिपस्टिक को’अपवित्रता’ का टैग देकर उसे बैन कर दिया था। मेकअप करने वाली महिलाओं को शैतान का अवतार माना जाता था। बढ़ते समय के साथ-साथ लिपस्टिक को लेकर कई सारे विवाद जुड़ने लगे थे। एक वक्त था, जब लिपस्टिक सबसे कंट्रोवर्सियल प्रोडक्ट बनकर उभरा। 1770 में ब्रिटिश पार्लियामेंट द्वारा लिपस्टिक को यह कहकर बैन कर दिया गया था किमहिलाएं इसका इस्तेमाल मर्दों को शादी के झांसे में फंसाने के लिए करती हैं। इतना ही नहीं, इसे लेकर यह नरैटिव भी फैलाया गया था कि चुड़ैल व जादू-टोना करने वाली महिलाएं ही लिपस्टिक लगाती हैं। यही वजह है लिपस्टिक का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को बहुत ही नीची नजरों से देखा जाता था।
जब लिपस्टिक को जोड़ा प्रोस्टिट्यूशन से
हद तो तब हो गई, जब क्वीन विक्टोरिया ने तो लिपस्टिक को प्रॉस्टिट्यूशन से जोड़ दिया था। उनके द्वारा दिया गया बयान ‘लिपस्टिक व मेकअप केवल एक्ट्रेसेज व प्रोस्टिट्यूट्स(वेश्याओं) के लिए है’,काफी विवाद में रहा था। दरअसल उनका तर्क यह था कि मेकअप समाज के छोटे कस्बे के लोगों से जुड़ा है। उनके शासनकाल में हैवी मेकअप या लिपस्टिक लगाने को अच्छा नहीं माना जाता था।
लिपस्टिक से ही, तो क्रांति आएगी
विक्टोरियन ऐरा के बाद से ही लिपस्टिक को लेकर क्रांति की शुरुआत हुई थी। उस समय समाज की विद्रोही महिलाओं ने चुपके से लिपस्टिक की नुस्खों पर बिजनेस करना शुरू कर दिया और वे घर पर ही लिपस्टिक बनाकर चुपके से फैशन से जुड़े जगहों पर इसका प्रचार-प्रसार किया करती थीं। हालांकि लिपस्टिक को फिर से मेनस्ट्रीम में लाने का क्रेडिट फ्रेंच एक्ट्रेस सारा बर्नहार्ट को जाता है। 1880 के दशक में जब वो रेड लिप रूज लगाकर पब्लिक अपीयरेंस के लिए आईं, तो उस वक्त बड़ा विवाद खड़ा हुआ। यहीं से लिपस्टिक, को नारीत्व, महिला अधिकार से जोड़कर विद्रोह की शुरुआत हुई थी। फिर लिपस्टिक को महिलाओं के आजादी से जोड़ा जाने लगा। एलिजाबेथ कैडी स्टैंटन और चार्लोट पर्किन्स गिलमैन जैसी नेता लाल रंग की लिपस्टिक शेड्स लगाती थीं, ताकि वो समाज को बोल्ड ऐंड ब्यूटीफूल का मेसेज दे सके। अमेरिका और इंग्लैंड में महिलाओं ने पुरुषों को डराने के इरादे से सार्वजनिक रूप से होंठों पर लाल रंग लगाना शुरू कर दिया था।
लिपस्टिक से जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स
1. 1884 में फ्रेंच की परफ्यूम कंपनी ने पहली लिपस्टिक को कमर्शल बेचना शुरू किया था।
2. 1915 में मॉरिस लेवी ने लिपस्टिक को पहली बार सिलेंड्रिकल ट्यूब में बनाया था।
3. 1923 में जेम्स ब्रूस मेसन जूनियर ने लिपस्टिक का घूमने वाला सिलेंडर बनाया था, जो आज भी फैशन में है।
4. एच.कॉउचर ब्यूटी डायमंड लिपस्टिक को दुनिया की सबसे महंगी लिपस्टिक का खिताब मिला है, जिसकी कीमत 14 मिलियन डॉलर प्रति यूनिट है। 1,200 गुलाबी हीरों से जड़ा हुआ है।
फैशन स्टेटमेंट बने इस लिपस्टिक ने आखिर कितनी लड़ाईयां लड़ी हैं, ये जानकर आज आप जरूर हैरान हो गए होंगे। ऐसी ही डिटेल खबरों और दिलचस्प किस्सों के लिए देखें ‘पढ़ेगा इंडिया’।