सावधानी हटी, दुर्घटना घटी – यह जुमला अक्सर हमने सुना है। निजी जिंदगी में कई बार हम ऐसी मुसीबतों में फंस जाते हैं, जिनसे निकल पाना मुश्किल हो जाता है। कभी ठगी का शिकार होते हैं, तो कभी अचानक एंबुलेंस की जरूरत पड़ जाती है, या फिर घर पर आग लग जाती है।
ऐसी स्थितियों में भारत सरकार ने हमारे लिए हेल्पलाइन नंबर का विकल्प दिया है, जिससे हम इन मुसीबतों से बाहर निकल सकते हैं। ये नंबर आपके फोन में सेव होना जरूरी है, ताकि आप किसी भी विपरीत परिस्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
जरूरी हेल्पलाइन नंबर:
- पुलिस सहायता (Police Assistance): किसी भी इमरजेंसी में अगर पुलिस की जरूरत हो, तो 100 पर डायल करें।
- एम्बुलेंस सेवा (Ambulance Service): मेडिकल इमरजेंसी के लिए 102 पर कॉल करें।
- फायर ब्रिगेड (Fire Brigade): आग लगने की स्थिति में 101 पर संपर्क करें।
- महिला हेल्पलाइन (Women Helpline): घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार के वॉयलेंस का सामना कर रहीं महिलाएं 181 पर कॉल करें।
- चाइल्ड हेल्पलाइन (Child Helpline): संकट में या दुर्व्यवहार का सामना कर रहे बच्चों के लिए 1098 पर कॉल करें।
- सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन (Senior Citizen Helpline): वरिष्ठ नागरिक 14567 पर कॉल कर मदद मांग सकते हैं।
- आतंकवादी गतिविधियों की रिपोर्टिंग (Terrorist Activity Reporting): संदिग्ध आतंकवादी गतिविधियों की रिपोर्ट के लिए 1090 पर कॉल करें।
- रेलवे हेल्पलाइन (Railway Helpline): रेलवे सेवाओं से संबंधित सहायता के लिए 139 पर संपर्क करें।
- पर्यटक हेल्पलाइन (Tourist Helpline): संकट में पर्यटकों को मदद या जानकारी के लिए 1363 पर कॉल करें।
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग (Cyber Crime Reporting): ऑनलाइन धोखाधड़ी सहित साइबर क्राइम की रिपोर्ट के लिए 155260 पर कॉल करें।
- नशे की लत सहायता (Addiction Helpline): नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए 1800-11-0031 पर कॉल करें।
- मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन (Mental Health Helpline): मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए 080-46110007 पर कॉल करें।
- आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन (Suicide Prevention Helpline): आत्महत्या के विचार रखने वाले व्यक्तियों के लिए 24/7 हेल्पलाइन नंबर 91-9820466726 पर कॉल कर काउंसलिंग लें।
इन महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों को अपने फोन में सेव करके आप किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।