कई राज्यों के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक कराता है गिरोह, सरगना के भांजे को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद भेजा गया जेल
पटना : नीट-यूजी पेपर लीक कांड को जहां केंद्र सरकार सीमित दिखाने की कोशिश कर रही है तो वहीं इस मामले की जांच में जुटी सीबीआई नित नए खुलासे कर रही है। सीबीआइ के सूत्रों ने बताया कि पेपर लीक गिरोह का सरगना संजय मुखिया के भांजे राकी ने उसके सामने कई राज उगले हैं। राकी ने सीबीआई को बताया है कि वह लोग उत्तर प्रदेश, बंगाल और गुजरात के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक कराते थे। राकी ने पेपर लीक गिरोह का सारा राज उगल दिया है। अब सीबीआई इस कांड के सरगना संजय मुखिया की तलाश में जुट गई है।
13 दिन की रिमांड पर था राकी
राकी को सीबीआई ने झारखंड से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे पटना ले जाकर पूछताछ की गई। बाद में उसे जेल भेज दिया गया। राकी को सीबीआई ने 13 दिन की रिमांड पर लिया था। अब रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। राकी ने सीबीआई को बताया है कि नीट-यूजी का पेपर कैसे लीक हुआ।
देश भर में फैला हुआ है नेटवर्क
राकी ने इसकी पूरी जानकारी सीबीआई को दे दी है। सीबीआई को बताया है कि नीट-यूजी का पेपर लीक करने की साजिश कई दिनों से चल रही थी। राकी ने सीबीआई को बताया है कि उसके पेपर लीक गिरोह के सदस्य पूरे देश में फैले हुए हैं। इन्हें फोन के जरिए निर्देश दिया जाता है। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि अब सीबीआई कई लोगों को गिरफ्तार करेगी। इसके लिए देश के विभिन्न इलाकों में दबिश दी जाएगी।
अभी 14 आरोपियों से हो रही पूछताछ
सीबीआई अभी इस मामले में 14 लोगों से पूछताछ कर रही है। इनमें मेडिकल कॉलेज के सात स्टुडेंट भी शामिल हैं। इनमें पटना एम्स के चंदन सिंह, कुमार शानू, राहुल आनंद, करम जैन, रिम्स की सुरभि कुमारी, भरतपुर मेडिकल कॉलेज के कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा हैं। इन्हीं छात्रों से सीबीआई को राकी के बारे में जानकारी मिली थी। शशिकांत पासवान और सुरेंद्र शर्मा पेपर लीक गिरोह के सरगना के एजेंट शशिकांत पासवान और सुरेंद्र शर्मा से भी पूछताछ कर रही है। यह दोनों राकी के करीबी बताए जा रहे हैं। पांच मई को पेपर लीक को लेकर शास्त्रीनगर थाने में मामला दर्ज हुआ था।
अब तक नहीं बरामद हो सका पेपर लीक से जुड़ा मोबाइल
इस मामले में सीबीआई अब तक बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों से 35 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें सात मेडिकल स्टुडेंट्स भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा गिरफ्तारी बिहार और झारखंड से हुई है। हालांकि, सरगना संजय मुखिया अब तक गिरफ्तार नहीं हो सका है। यही नहीं, सीबीआई अभी तक वह मोबाइल भी बरामद नहीं कर सकी है जिसके जरिए नीट-यूजी के पेपर को सेंड किया गया था। मोबाइल के बरामद होने के बाद यह पता चल सकेगा कि इससे कितने मोबाइल पर पेपर भेजा गया था। इस मोबाइल के बरामद होने के बाद अगले मोबाइल के नंबर मिल जाएंगे और यह पता चल सकेगा कि पेपर लीक कितना व्यापक था।