आवाज को सुनकर ब्लाइंड फुटबॉल दागते हैं स्टीक गोल, गोलकीपर नहीं होता है ब्लाइंड
किसी मशहूर शायर ने लिखा था कि
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
वाकई में जिस शिद्दत के साथ ये फुटबॉलर गोल दागते हैं. उसे देख कर आप यह जरूर कहेंगे कि ऊपर वाले भी क्या कमाल करते हैं. आपने फुटबॉल खेलते हुए खिलाड़ियों को जरूर देखा होगा. लेकिन क्या कभी ऐसा फुटबॉल देखा है जिसमें खिलाड़ी दृष्टिबाधित रहते हैं. वे देख नहीं सकते हैं, लेकिन दनादन गोल दागते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि जब सभी खिलाड़ी दृष्टिबाधत हैं तो गोल करना आसान होगा. तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. इस खेल में गोलकीपर दृष्टिबाधित नहीं होता है. बल्कि वह खुली आंखों से सब कुछ देख सकता है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे होता है ब्लाइंड फुटबॉल टूर्नामेंट और कौन-कौन हो सकते हैं इसमें शामिल. आपसे हमारी यह अपील है कि अब तक अगर आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो कृपया कर लें, ताकि हम आपके लिए जानकारी भरा वीडियो लाते रहे. आपको हमारा यह वीडियो कैसा लगा इसे हमें लाइक और कमेंट कर जरूर बताएं.
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ब्लाइंड फुटबॉल एक अनोखा खेल है. इस फुटबॉल टूर्नामेंट में खेल रहे दृष्टि बाधित खिलाड़ियों को मैदान में पर उनके खेलने के अंदाज को देखकर कहीं से नहीं लगता कि वह किसी तरह से दृष्टिहीन हैं. मैदान पर एक सामान्य खिलाड़ी के तरह फूर्ती के साथ खेलते हैं. ब्लाइंड फुटबॉल को देखने वाले लोगों को पहली नजर में यही लगेगा कि कोई समान्य खिलाड़ी ही खेल रहा है. ब्लाइंड खिलाड़ी जिस गोलकीपर को छका कर गोल करते हैं, वह गोलकीपर पूरी तरह से देख सकता है.
ब्राजील, यूके व जापान जैसे देशों के लिस्ट में भारत भी शामिल
इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल फेडरेशन के को-ऑर्डिनेटर राशिद ने बताया कि ब्लाइंड फुटबॉल हाल के दिनों में भारत में काफी पॉप्यूलर हुआ है. लोग इस खेल को भी गंभीरता से ले रहे हैं. ब्राजील, यूके और जापान जैसे देशों में यह खेल काफी प्रचलित है और विकसित है. उसी के मॉडल को भारत में भी अपनाया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि हम भी इन देशों के लिस्ट में शामिल हो गये हैं. यही कारण है कि भारत ने यूके में होने वाले ब्लाइंड फुटबॉल विश्वकप व एशियन ब्लाइंड फुटबॉल चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाइ किया है. एक आंकड़े के अनुसार भारत में कुल आबादी का एक दशमलव निन्यानवे प्रतिशत लोग ब्लाइंड हैं. इन लोगों में से अच्छे ब्लाइंड फुटबॉलर को चुनने के लिए आइबीएफएफ की ओर से टैलेंट हंट कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है.
फुटबॉल से निकलने वाली विशेष आवाज पर खेलते हैं खिलाड़ी
झारखंड ब्लाइंड फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव राजकुमार सिंह ने बताया कि ब्लाइंड फुटबॉल सामान्य फुटबॉल से काफी अलग है. यह खेल ब्लाइंड फुटबॉलरों को एकाग्र बनाने में काफी मदद करता है. क्योंकि जिस फुटबॉल से खिलाड़ी खेलते हैं, उससे एक विशेष तरीके का आवाज निकलता है. जिसे सुनकर वह खिलाड़ी बॉल लेकर आगे बढ़ते हैं या फिर डिफेंड करते हैं. आवाज के कारण ही ब्लाइंड फुटबॉलर दिशा का अंदाजा लगा पाते हैं. किस दिशा के गेंद आ रहा है उसे वह अंदाज लगा कर डिफेंड कर पाते हैं.
हर टीम में होते है चार ब्लाइंड खिलाड़ी, गोलकीपर होता है पूरी तरह से फिट
ब्लाइंड फुटबॉल चूंकि हमारे लिए नया विषय है. इसलिए हम आपको बता देते हैं, कि प्रत्येक टीम में पांच-पांच खिलाड़ी होते हैं. इसमें से चार खिलाड़ी पूरी तरह से नहीं देख पाते हैं परंतु गोलकीपर को सबकुछ दिखायी देता है. फिर भी दृष्टिबाधित खिलाड़ी गोल करने में कामयाब रहते हैं.
कैरम बोर्ड की तरह साइड-साइड में बनाए जाते हैं विशेष बोर्ड
झारखंड ब्लाइंड फुटबॉल के सचिव राजकुमाार सिंह ने बताया कि ब्लाइंड फुटबॉल दृष्टिहीन खिलाड़ियों के लिए एक चुनौती है. इन खिलाड़ियों को हमेशा चोट लगने का खतरा बना रहता है. इसके लिए मैदान में कैरम बोर्ड के आकार का विशेष बोर्ड बनाया जाता है. जिससे टकराने पर खिलाड़ियों को चोट नहीं लगती है और वह मैदान से बाहर भी नहीं होते. राजकुमार सिंह ने बताया कि इस बार असम से विशेष लकड़ी की बनी हुई बोर्ड मंगाई गयी है. जिसकी कीमत लाखों में है. इससे जब खिलाड़ी टकटराते हैं तो उनको चोट नहीं लगती है. साथ ही खिलाड़ियों को पता चलता रहता है कि उनकी गेंद कहां है. राजकुमार ने बताया कि कई टीम में खिलाड़ी पूरी तरह से ब्लाइंड होते हैं, वहीं कई खिलाड़ी आंशिक रूप से ब्लाइंड होते है. इन खिलाड़ियों में समानता लाने के लिए आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है. साथ ही सुरक्षा के लिए वे सिर पर भी हैड गार्ड पहनते हैं.
गाइड का आवाज सुनकर खिलाड़ी दागते हैं गोल
इस खेल का सबसे दिलचस्प पहलू है कि एक ब्लाइंड खिलाड़ी किस तरह से पूरी तरह देखने वाले गोलकीपर के खिलाफ गोल करता है. ब्लाइंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष जे. बेहरा ने बताया कि गाइड अपने खिलाड़ियों नियंत्रित करते है. गोल पोस्ट के पास जब गेंद पहुंचती है तो गाइड आवाज लगाता है. इसके बाद खिलाड़ी सटीक गोल दागते हैं. वहीं ग्राउंड गाइड अपने-अपने खिलाड़ियों को बोलकर बताता है कि गेंद कहां है. वहीं गोल गाइड शूटिंग के समय अपने-अपने खिलाड़ियों को सचेत करता है कि किस दिशा में गोल करना है.
जानिए कि क्या कहते हैं खिलाड़ी
मैं पिछले एक साल से ब्लाइंड फुटबॉल खेल रही हूं. मैं एक राष्ट्रीय स्तर की धाविका हूं. लेकिन ब्लाइंड फुटबॉल एक अलग अनुभव है. आवाज के सहारे आपको सारा काम करना होता है. थोड़ी सी भी गलती की कोई गुंजाइश नहीं है. बेबी कुमारी, झारखंड
मैं एक डिफंडर हूं. मेरे लिए बेहद मुश्किल टास्क है विपक्षी खिलाड़ी को रोकना. जब गेंद लेकर कोई खिलाड़ी आगे बढ़ता है तो, मुझे ग्राउंड गाइड व बॉल की आवाज सुनकर सर्तक हो जाना पड़ता है. जेबल बांग, मेघालाय
मैं पिछले दो साल से इस खेल से जुड़ी हूं. मैं टीम में गोलकीपर की भूमिका निभाती हूं. ब्लाइंड फुटबॉलरों के खिलाफ गोल डिफेंड करना मुश्किल है. उनकी आंख खुली नहीं होने के कारण यह पता नहीं चल पाता कि वे गेंद किस दिशा में मारेंगे. आरबिना शेख, गोलकीपर महाराष्ट्र