फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे ट्रेनी आइएएस बनी पूजा खेडकर की जा सकती है नौकरी, सवालों के घेरे में आया संघ लोकसेवा आयोग
पुणे : पुणे की ट्रेनी आइएएस अफसर पूजा खेडकर की नौकरी खतरे में आ गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पूरे मामले का संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। यह जांच कई स्तर पर की जा रही है। पुणे की ट्रैफिक पुलिस उनकी ऑडी कार में लाल और नीली बत्ती लगाने के मामले की जांच करेगी। इसके अलावा, यह भी जांच हो रही है कि क्या ट्रेनी आइएएस ऑफिसर ने ओबीसी की क्रीमी लेयर में होते हुए भी गलत तरीके से तथ्य छिपाते हुए संघ लोकसेवा आयोग (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की परीक्षा में आरक्षण का लाभ उठाया और आइएएस बनीं। इस बात की भी जांच हो रही है कि क्या ट्रेनी आइएएस पूजा खेडकर ने यूपीएससी की परीक्षा में गलत तरीके से दिव्यांगता का लाभ उठाया। इस मामले में संघ लोक सेवा आयोग की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। यूपीएससी पर सवाल है कि उसने निजी क्लीनिक का दिया हुआ दिव्यांगता प्रमाण पत्र कैसे स्वीकार कर लिया जबकि, उसने पहले इसी मामले में क्लैट में केस कर दिया था।
वाशिम कर दिया गया ट्रांसफर
शिकायतों के बाद पूजा खेडकर का ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया है। वह यहां सुपर न्युमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी। पूजा खेडकर बोलेरो से वाशिम पहुंची हैं। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्हें दो हफ्ते के अंदर पूरी रिपोर्ट देनी है। इस मामले में अगर पूजा खेडकर दोषी पाई गईं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है। उनके खिलाफ तथ्य छिपाने के मामले में आपराधिक केस भी हो सकता है। एक जांच असिस्टेंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी भी करेंगे।
कई दिनों से सुर्खियों में पूजा खेडकर
पूजा खेडकर कई दिनों से सुर्खियों में हैं। वह 2023 बैच की आइएएस ऑफिसर हैं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल की है। आइएएस की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मसूरी में ट्रेनिंग हासिल की। इसके बाद उन्हें उनके होम टाउन पुणे में ही ट्रेनिंग का मौका दे दिया गया। पुणे में वह पहुंची तो उनके नखरे से अधिकारी परेशान हो गए। पूजा ने अपने अधीनस्थ अधिकारी से कहा कि वह पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर ज्वाइन कर रही हैं। उनके पुणे पहुंचने से पहले एक घर, लाल बत्ती लगी कार आदि का इंतजाम हो जाए। जब पूजा पुणे पहुंच गईं तो भी इन चीजों का इंतजाम नहीं हो सका। इसके बाद पूजा ने कहा कि अगर उनकी डिमांड पूरी नहीं हो सकती तो बताएं ताकि वह कलेक्टर से बात कर सकें। जब उन्हें कार और आफिस नहीं मिला तो उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर ही महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर चिपका लिया।असिस्टेंट कलेक्टर छुट्टी पर थे तो उनके दफ्तर पर कब्जा कर लिया। इसके बाद अधिकारियों ने मामले की एक सूची बना कर मुख्य सचिव से मामले की शिकायत कर दी।
ट्रेनी आइएएस के पास 22 करोड़ रुपये की संपत्ति
महाराष्ट्र के पुणे में पहली तैनाती पाने वाली इस ट्रेनी आइएएस के पास लगभग 22 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति है। उन्होंने साल 2015 में पुणे में दो महंगे प्लाट खरीदे थे। इसके बाद साल 2018 में पुणे के धनेरी इलाके में चार हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदी थी। बताया जा राहा है कि उनकी इस प्रापर्टी से सालाना 45 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। अहमदनगर में भी पूजा खेडकर के नाम से संपत्ति है। यहां भी उनके नाम पर तीन प्रॉपर्टी हैं। इनकी कीमत सवा करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है।
ऑडी पर 26 हजार का चालान बकाया
आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर जिस ऑडी पर लाल बत्ती लगा कर चल रही थीं। उस पर 26 हजार रुपये का चालान बकाया है। इस पर वह महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगा कर चल रही थीं। इस गाड़ी पर साल 2022 से लेकर अब तक तेज गाड़ी चलाने , सिग्नल तोड़ने और ट्रैफिक रूल्स को तोड़ने संबंधी कई मामलों में जुर्माना हुआ है। यह ऑडी कार एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुणे के आरटीओ ने इंजीनियरिंग कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में ऑडी को जांच के लिए फौरन आरटीओ कार्यालय लाने को कहा गया है।