खतरे में है आपका आईफोन, जानें एपल ने क्यों जारी की वार्निंग
नई दिल्ली: आपका आईफोन खतरे में है। एपल ने भारत समेत कई देशों को वार्निंग मेल भेज कर आईफोन पर अटैक का खतरा जताया है। एपल ने मेल के जरिए बताया है कि दुनिया भर में आईफोन तक पहुंच बनाने की कोशिश हो रही है। पेगासस जैसे किसी स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर आईफोन को टारगेट किया जा रहा है। भारत में भी आईफोन को टारगेट करने की कोशिश हुई है। इसी को लेकर एपल ने भारत समेत 98 देशों में आइफोन धारकों को वार्निंग मेल भेज दिया है कि वह होशियार रहें। उनके आईफोन खतरे में हैं।
पेगासस जैसे स्पाईवेयर से टार्गेट हो रहे मोबाइल
जी स्पाईवेयर के जरिए आईफोन फोन को हैक करने की कोशिश हो रही है। वह इसराइल के पेगासस स्पाइवेयर जैसा ही है। एपल के मुताबिक हैकर आईफोन को हैक करने की कोशिश कर रहा है। ताकि आईफोन तक अवैध रूप से पहुंच बनाई जा सके और वहां से डाटा उड़ाया जा सके। एपल ने बताया है की स्पाइवेयर अटैकर कुछ बड़े नेताओं, कारोबारी और महत्वपूर्ण लोगों के मोबाइल डिवाइस को टारगेट करते हैं। इसके लिए बहुत अधिक संसाधन का यूज किया जाता है। स्पाइवेयर के ऐसे अटैक में लाखों डॉलर खर्च होते हैं। इसलिए इनका पता लगाना और इन्हें रोक पाना काफी मुश्किल होता है।
आईफोन धारकों को एपल ने भेजा मेल
आईफोन धारकों को एपल ने एक मेल भेजा है। इस मेल में मर्सनरी स्पाइवेयर अटैक का जिक्र किया गया है। मेल में बताया गया है कि आपका आईफोन डिवाइस को हैक करने की कोशिश हो रही है। यह हैकर काफी दूर बैठा हुआ है। इसलिए इस मामले को गंभीरता से लें। भारत के कई आईफोन धारकों ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय से भी मामले की शिकायत की है।
एपल ने पिछले साल भी भेजा था अलर्ट मैसेज
एपल ने इस तरह का अलर्ट मैसेज पिछले साल 11 अप्रैल साल 2024 को भी भेजा था। इस मैसेज में बताया गया था कि आईफोन को पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए हैक करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद अक्टूबर में भी इस तरह का मैसेज भेजा गया था। तब एपल ने बताया था कि टीएमसी की संसद महुआ मोइत्रा और फिर कांग्रेस नेता शशि थरूर समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं और जर्नलिस्ट के फोन हैक करने की कोशिश हुई थी। इस मैसेज में बताया गया था कि अगर ग्राहक का डिवाइस किसी स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक से कंप्रोमाइज हुआ है तो वह आपका सेंसेटिव डाटा प्राप्त कर सकते हैं। इस चेतावनी को गंभीरता से लेने की बात कही गई थी। हालांकि बाद में सरकार ने किसी भी तरह की फोन हैकिंग के आरोप को खारिज कर दिया था।
कैसे काम करता है स्पाईवेयर
स्पाईवेयर मोबाइल फोन में एक्सेस तब प्राप्त करता है। जब भी आप किसी अनसेफ वेबसाइट पर जाते हैं। या कोई ऐप इंस्टॉल करते हैं। या कोई अटैच फाइल खोलने हैं तो यह सॉफ्टवेयर में उसी के सहारे आपके मोबाइल में प्रवेश कर जाता है।
आपका डाटा को करता है चोरी
मोबाइल में प्रवेश करने के बाद यह स्पाइवेयर मोबाइल में मौजूद डाटा और जानकारी को इकट्ठा करना शुरू कर देता है और डाटा एकत्र कर थर्ड पार्टी तक पहुंचा देता है। इस डाटा में क्रेडिट कार्ड, बैंक लोगिन डिटेल्स, पासवर्ड आदि सभी शामिल हो सकते हैं।
स्पाई वेयर के चार प्रकार होते हैं।
ऐड वेयर : ऐड वेयर ब्राउजर हिस्ट्री और डाउनलोड को ट्रैक करता है और यह पता लगता है कि मोबाइल धारक किन उत्पाद या सेवाओं में रुचि रखते हैं।
ट्रोजन स्पाइवेयर : इसे साफ्टवेयर के रूप में छिपा रहता है। सॉफ्टवेयर अपडेट के रूप में यह मोबाइल में पहुंचकर डाटा को चुरा लेता है।
इंटरनेट ट्रैकिंग : इंटरनेट ट्रैकिंग सामान्य प्रेक्टिस है। इसका उपयोग कर वेब एक्टिविटी पर नजर रखी जाती है।
सिस्टम मॉनिटरिंग : यह कंप्यूटर पर होने वाले काम का पता लगता है कि बोर्ड की स्ट्रोक्स, ईमेल चैट रूम आदि से रिकॉर्ड चोरी करता है।
स्पाइवेयर से बचने के लिए उपाय
-लेटेस्ट सॉफ्टवेयर में अपने मोबाइल को अपडेट करें। क्योंकि इसमें सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी शामिल होती है।
– मोबाइल के पासवर्ड को प्रोटेक्ट करें। एप्पल आईडी के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का प्रयोग करें
– एप स्टोर से ही एप्स इंस्टॉल करें। किसी के द्वारा भेजा गया ऐप पर क्लिक न करें। मजबूत और अलग किस्म का पासवर्ड इस्तेमाल करें।