CBI ने नीट-यूजी पेपर लीक केस के मुख्य आरोपी राकेश रंजन को झारखंड से किया गिरफ्तार, जानें क्या उगला राज
पटना : सीबीआइ ने नीट-यूजी पेपर लीक केस के मुख्य आरोपी राकेश रंजन उर्फ राकी को झारखंड से गिरफ्तार किया है। राकी को गिरफ्तार कर सीबीआइ उसे पटना ले गई है। पटना में पहले तो राकी से पूछताछ की गई है। बताते हैं कि राकी ने सीबीआइ को बताया है कि इस पेपर लीक केस में कई सफेदपोश भी शामिल हैं। यही नहीं उसने इस पेपर लीक कांड गैंग का मुख्य सरगना बिहार के नालंदा के हिल्सा ब्लाक के रहने वाले संजय मुखिया उर्फ लोटन को बताया है। अब सीबीआइ को उम्मीद है कि राकी की गिरफ्तारी के बाद लोटन को अरेस्ट करना आसान हो गया है। राकी को अरेस्ट करने के लिए सीबीआइ ने उसके 15 ठिकानों पर छापामारी की है। इसके बाद राकी की अरेस्टिंग हुई है। गौरतलब है कि नीट-यूजी परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पटना के एक प्ले स्कूल से जले हुए पेपर बरामद किए थे। बाद में यह जांच सीबीआइ को सौंप दी गई।
सीबीआइ ने मांगा 10 दिन का रिमांड
राकी को पटना ले जाकर सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया। यहां से सीबीआइ ने राकी का 10 दिन का रिमांड लिया गया है। सीबीआइ राकी से और पूछताछ करने वाली है। नीट-यूजी पेपर लीक कांड में अब तक बिहार से 28 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से 10 लोगों को सीबीआइ ने अरेस्ट किया है। बाकी को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार किया है। सीबीआइ ने झारखंड से भी कई लोगों को गिरफ्तार किया है। झारखंड से गिरफ्तार होने वालों में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल का प्रिंसिपल एहसानुल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और एक अन्य व्यक्ति जमालुद्दीन शामिल हैं। इसके अलावा, सीबीआइ ने धनबाद से अमन को भी गिरफ्तार किया है।
नेपाल भागने की फिराक में था राकी
नीट-यूजी पेपर लीक कांड का आरोपी राकी नेपाल भागने की फिराक में था। सीबीआइ ने उसके पीछे मुखबिर लगा दिए थे। मुखबिर की सूचना पर सीबीआइ ने उसे नेपाल भागने से पहले ही दबोच लिया। राकी नालंदा के रहने वाले पेपर लीक गिरोह के सरगना संजय मुखिया उर्फ लोटन का रिश्तेदार है। राकी ने सीबीआइ को बताया है कि संजय मुखिया रंजीत डान का करीबी है। रंजीत डान को सीबीआइ ने साल 2003 में कॉमन एडमिशन टेस्ट पेपर लीक कांड में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। रंजीत डान भी नालंदा जिले के हिल्सा प्रखंड का ही रहने वाला है।
राकी के घर की ली गई थी तलाशी
नालंदा जिले के हिल्सा प्रखंड के गजेंद्रबीघा गांव में राकी का घर है। सीबीआइ उसके घर भी पहुंची थी। मगर, वहां राकी के घर पर ताला लगा था। इसके बाद सीबीआइ ने वहां के वार्ड सदस्य नरेश और उसकी पत्नी सरिता के सामने राकी के घर का दरवाजा तोड़ा था। इसके बाद घर की तलाशी ली गई थी। यहां से सीबीआइ ने राकी का पैन कार्ड, एचडीएफसी बैंक की चेकबुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे।
एमबीबीएस स्टुडेंट का जुगाड़ करता था राकी
पूछताछ में राकी ने सीबीआइ को बताया है कि उसका काम गैंग के लिए साल्वर उपलब्ध कराना था। राकी एमबीबीएस के स्टुडेंट का जुगाड़ करता था। वह रांची और पटना से एमबीबीएस स्टुडेंट से संपर्क करता था। इसके बाद उससे पेपर हल कराया जाता था। यह काम ऑनलाइन होता था। राकी ने सीबीआइ को बताया है कि परीक्षा का पेपर उड़ाने के बाद वह लोग इसे किसी एमबीबीएस स्टुडेंट को वाट्स ऐप पर भेज देते थे। वह स्टुडेंट इसकी हल कॉपी वाट्स ऐप के जरिए ही भेजता था।