सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी पेपर लीक कांड पर सुनवाई की तारीख बढ़ा दी है। अब नई तारीख 18 जुलाई निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह नई तारीख इसलिए दी है ताकि याचिकाकर्ता केंद्र सरकार और एनटीए के एफीडेविट का जवाब दे सकें। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। बेंच ने सुनवाई के दौरान पाया कि कई याचिकाकर्ताओं को यह हलफनामे नहीं मिल पाए हैं। इसीलिए तारीख बढ़ाई गई है ताकि सभी याचिकाकर्ताओं को हलफनामे मिल जाएं और वे इसे पढ़कर जवाब तैयार कर सकें। याचिकाकर्ता अगली तारीख पर केंद्र सरकार और एनटीए के हलफनामे पर जवाब दाखिल करेंगे।
केंद्र व एनटीए के हलफनामे का हो रहा विश्लेषण
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में एफीडेविट देकर बताया है कि नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि उन्होंने इस मामले में आईआईटी मद्रास से नीट-यूजी की परीक्षा के अंक का विश्लेषण कराया है। केंद्र सरकार का कहना है कि इस विश्लेषण से पता चला है कि जिन सेंटरों पर गड़बड़ी की बात सामने आई है वहां के परीक्षार्थियों को परीक्षा में ज्यादा हाई स्कोर नहीं मिले हैं। कमोबेश यही बात एनटीए ने अपने एफीडेविट में कही है।
केंद्र सरकार नहीं चाहती परीक्षा रद्द हो
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि नीट-यूजी की परीक्षा रद्द हो। जबकि, इस मामले में सब कुछ जग जाहिर है। केंद्र सरकार और एनटीए शुरुआत से ही कह रहे थे कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। नीट-यूजी का पेपर लीक नहीं हुआ है। मगर, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पटना के एक प्ले स्कूल से नीट-यूजी के पेपर के जले हुए टुकड़े बरामद कर लिए। इसके बाद कई लोगों की गिरफ्तारी हुई। बिहार पुलिस ने झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में छापामारी कर प्रिंसिपल से पूछताछ की। सीबीआई ने इस स्कूल से प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है। बिहार के नालंदा के एक व्यक्ति के वाट्सएप पर पेपर भेजा गया था। इसके बाद भी केंद्र सरकार और एनटीए सुप्रीम कोर्ट में कह रहे हैं धांधली व्यापक नहीं है।
पेपर लीक में एनटीए की भूमिका संदिग्ध
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में एनटीए की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। जानकारों का कहना है कि जब बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पटना के प्ले स्कूल से नीट-यूजी का पेपर बरामद किया था तो वह एनटीए से इसका मूल पेपर मांग रही थी। मगर एनटीए मूल पेपर देने में आनाकानी कर रही थी। तब तक यह साफ नहीं हुआ था कि पेपर लीक हुआ है। मगर, बाद में जब मीडिया में एनटीए की आनाकानी की खबरें आईं तब उसने मूल पेपर बिहार पुलिस को दिया। तब जाकर साफ हो सका कि हजारीबाग के सेंटर से नीट-यूजी का पेपर लीक हुआ है।