जानिए क्यों अपना देशी नेवीगेशन ऐप बना रही है OLA, जानिए देश को क्या होगा फायदा
नई दिल्ली : ओला अपना नया नेवीगेशन ऐप लाने जा रही है। यह ओला का नया इन हाउस नेवीगेशन ऐप होगा। कहा जा रहा है कि ओला का यह नेवीगेशन ऐप गूगल मैप से ज्यादा बेहतर होगा। इसे खुद ओला ने ही तैयार किया है। इसे एआइ जेनरेटिव बेस्ट असिस्टेंट क्रुत्रिम की मदद से बनाया गया है। यह नेवीगेशन ऐप ओला के ऐप से लिंक रहेगा। ओला की राइड बुक करने पर इसी ऐप के सहारे रास्ते देखे जाएंगे। अभी ओला राइड बुक करने पर गूगल मैप की मदद ली जाती है। कहा जा रहा है कि ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर में ओला मैप की सुविधा रहेगी। इससे लोगों को काफी सुविधा हो जाएगी। लोग इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाते समय बिना मोबाइल पर जाए ही ओला मैप के जरिए रास्ते और एड्रेस के बारे में जान सकेंगे।
अब तक पश्चिमी ऐप का हो रहा था प्रयोग
ओला के को-फाउंडर भविष्य अग्रवाल ने कहा है कि अब तक भारत में पश्चिमी ऐप का इस्तेमाल हो रहा था। ये ऐप भारत की विशिष्ट चुनौतियों को नहीं समझ पाते हैं। यहां की सड़कों के नाम, ट्रैफिक की स्थिति, शहरी परिवर्तन, बिना मानक वाली सड़कें, आदि को समझना गूगल मैप्स के बस से बाहर है। उनका कहना है कि ओला मैप भविष्य की जरूरत को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है। भारत में मोबिलिटी इनोवेशन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। स्वचालित वाहनों, उड़ने वाली टैक्सी और ड्रोन को लेकर ऐसे ऐप की भविष्य में मांग बढ़ेगी।
एक साल तक फ्री होगा ओला मैप
ओला मैप एक साथ तक फ्री होगा। अगर रास्तों में बदलाव होता है तो इस ऐप में फौरन इसे अपडेट कर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि गूगल मैप में अभी यह सुविधा नहीं है। इसलिए अक्सर गूगल मैप इस्तेमाल करने वाले लोग रास्ता भटक जाते हैं। मगर, ओला मैप में ऐसा नहीं होगा। रास्तों को अपडेट करते रहने से लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी और ओला मैप पर जाने वाले को सही रास्ते व पते की जानकारी मिलेगी।
ओला मैप में लगाया जाएगा एआइ बेस्ड एल्गोरिदम
ओला के को-फाउंडर भविष्य अग्रवाल ने बताया कि ओला मैप में ओपन स्ट्रीम मैप की सुविधा मिलेगी। ताकि किसी को भी सही पते पर पहुंचने में आसानी होगी। ओला मैप में एआइ बेस्ड एल्गोरिदम लगाया जाएगा। इसमें कार का रियल टाइम डेटा भी इंटीग्रेट रहेगा। एआइ बेस्ड एल्गोरिदम की वजह से ओला मैप गूगल मैप से बेहतर काम करेगा। ओला मैप एंड्रायड और आइओएस दोनों पर उपलब्ध रहेगा। गूगल मैप जहां उपभोक्ताओं के लिए फ्री है मगर ये बिजनेस करने वालों से फीस वसूल करता है। कहा जा रहा है कि ओला के इन हाउस नेवीगेशन ऐप आने के बाद ओला का पैसा भी बचेगा। ओला के को-फाउंडर भविष्य अग्रवाल ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा है कि ओला गूगल मैप पर एक साल में 100 करोड़ रुपये खर्च करती है। मगर, अब इस खर्च को ओला जीरो करने जा रहा है।